बाड़म बाजार स्थित जैन मंदिर में दशलक्षण व्रतधारी संकेत चौधरी को सम्मानित किया गया। दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष धीरेंद्र सेठी व महामंत्री पवन अजमेरा, सुबोध सेठी, सुशील पाटनी, राजीव छाबड़ा,निर्मल गंगवाल, विनीत छाबड़ा, महिला समाज की अध्यक्षा पुष्पाअजमेरा, मंत्राणी सुशीला सेठी व मान्य कार्यकारणी सदस्य, पदाधिकारी गण एवं समाज की अनुषगिक संस्थाओं ने माला पहनाकर, मंगल तिलक लगाकर, मोमेंटो देकर दस दिन का निर्जला उपवास रखे संकेत चौधरी को सम्मानित किया। बाड़म बाजार दिगंबर जैन मंदिर से गाजे-बाजे के साथ दशलक्षण व्रत रखे संकेत चौधरी को उनके निवास स्थान पहुंचाया गया। वहां पर पारना का कार्यक्रम हुआ। ललित अजमेरा व पवन पाटनी दस दिन का निर्जला उपवास बावनगजा, छत्तीसगढ़ में रखा है। वहाँ हजारीबाग के नगर गौरव मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी विराजमान है। पंडित पंकज शास्त्रीने कहा कि विचारों में पवित्रता का सबसे उत्तम साधन है यह पर्यूषण पर्व। जैन परंपरा का यह सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण पर्व है । यह पर्व साधना और संयम की आराधना व आत्म शुद्धि का पर्व है। संयम के अभाव में जीवन का कोई उपयोग नही। जीवन की सार्थकता संयम में है। संयम धारण करके नगर के नवीन कुमार, नगर गौरव बनकर मुनि प्रमाण सागर जी बने और साधु परमेष्टि जैसे पवित्र पद को धारण किया। आज शंका समाधान के माध्यम से विश्व मे जैन धर्म की ध्वजा को फहराया। उन्होंने अपना जीवन सफल बना लिया, अब हमें भी पुरुषार्थ कर के संयम धारण करना है।अंत में उन्होंने कहा कि उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव पाने का उपाय है सत्य,शौच, संयम,तप और त्याग, इसका पालन करने पर आंकिञचन और ब्रह्मचर्य मिलता है।आचार्य श्री की प्रेरणा से हथकरघा गांव गांव में स्थापित हो रहे है। ग्रामीण युवाओ को रोजगार देकर राष्ट्र की सेवा का भाव आचार्य श्री ने दिया। इस कार्य योजना पर प्रोजेक्टर के माध्यम से व्यख्यान,पं पंकज शास्त्री,उदयपुर द्वारा दिया गया। संध्या में महाआरती ,प्रतिक्रमण ,ध्यान ,सामायिक का कार्यक्रम दिगंबर जैन मंदिर में हुआ। सांस्कृतिक कार्यक्रम में जैन महिला समाज की अनुपम नाटिका महासती मैना सुंदरी की प्रस्तुति की गई। मीडिया प्रभारी विजय लुहाडिया ने बताया कि यह पर्व पंद्रह सितंबर को क्षमावाणी के साथ समाप्त हो जायेगा।फोटो पीएम नौसंकेत चौधरी को घर तक ले जाते जैन धर्मावलंबी
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