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आवंटन हो गया पर नहीं लगाया जा सका छड़वा डैम में मोटर

पेयजल स्वच्छता मेकेनिकल प्रमंडल और ठीकेदार की लापरवाही के कारण शहरवासियों को पेयजल की समस्या झेलनी पड़ रही है। सरकार ने पेयजल की गहराते समस्या को...

आवंटन हो गया पर नहीं लगाया जा सका छड़वा डैम में मोटर
हिन्दुस्तान टीम,हजारीबागFri, 16 Apr 2021 10:50 PM
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हजारीबाग। कौशल कुमार

पेयजल स्वच्छता मेकेनिकल प्रमंडल और ठीकेदार की लापरवाही के कारण शहरवासियों को पेयजल की समस्या झेलनी पड़ रही है। सरकार ने पेयजल की गहराते समस्या को देखते हुए इस बार गर्मी से पहले चार मोटर और एक ट्रांसफार्मर लगाने के लिए राशि आवंटित कर दी है। लेकिन विभाग की उदासीनता के कारण अभी तक सिर्फ ट्रांसफार्मर लगाया गया है। लेकिन मोटर लगाने की प्रक्रिया अभी तक शुरू भी नहीं की गई है। मोटर लगाने के लिए ठीकेदार और पेयजल स्वच्छता विभाग को इसकी जिम्मेवारी सौपी गई है, लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है। मेकेनिकल जेई के तबादला हो जाने के बाद यह प्रक्रिया लटक गया है। क्योंकि मेकेनिकल विभाग के एई और कार्यपालक अभियंता हजारीबाग कार्यालय में नहीं बल्कि रांची में रहकर ड्यूटी निभा रहे हैं। लापरवाही का आलम यह है कि शहर में चार-पांच दिनों तक जलापूर्ति वाधित रहती है। पानी आपूर्ति वाधित रहने के बावजूद ठीकेदार लातेहार में रहते हैं और कभी झांकने तक नहीं आते और न ही विभाग के उच्चाधिकारी इस समस्या पर ध्यान देते हैं। मोटर जलने के बाद उसे बनाने में चार- पांच दिनों तक जलापूर्ति वाधित रहती है। इसका परिणाम यह होता है कि शहर के लोगों को जरूरत के हिसाब से नहीं बल्कि आधा अधूरा ही पानी मिल पाता है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रशासन के आलाधिकारी मेकेनिकल इंजीनियर और ठीकेदार के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्राचार कर रहे हैं। बताया जाता है कि 1952 में डीवीसी द्वारा बनाया गया छड़वा का जीर्णोद्धार दस वर्ष पूर्व करोड़ों रुपए की लागत से इसलिए कराया गया था ताकि शहरवासियों को पेयजल समस्या से जुझना नहीं पडे़। लेकिन अभी मेकेनिकल विभाग और ठीकेदार के लापरवाही के कारण पेयजल समस्या से शहरवासियों को जुझना पड रहा है। अगर इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द नहीं हुआ तो शहरवासी विभाग के खिलाफ आंदोलन करेंगे।

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