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सुशील श्रीवास्तव हत्याकांड में सभी दोषियों को मिली आजीवन कारावास की सजा

सिविल कोर्ट परिसर हजारीबाग में गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव समेत उसके दो सहयोगियों की हत्या मामले में कोर्ट ने मंगलवार को सजा सुना दी। सजा की बिंदु पर सुनवाई के दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम अमित...

सुशील श्रीवास्तव हत्याकांड में सभी दोषियों को मिली आजीवन कारावास की सजा
हिन्दुस्तान टीम,हजारीबागWed, 23 Sep 2020 03:04 AM
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सिविल कोर्ट परिसर हजारीबाग में गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव समेत उसके दो सहयोगियों की हत्या मामले में कोर्ट ने मंगलवार को सजा सुना दी। सजा की बिंदु पर सुनवाई के दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम अमित शेखर के कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। अपर लोक अभियोजक भरत राम ने बताया कि सजा के तौर पर दोषी विकास तिवारी और संतोष पांडे को भारतीय दंड विधान की धारा 302/120 बी में सश्रम आजीवन कारावास अंतिम सांस तक के लिए और 40 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई है।

दोनों को भारतीय दंड विधान की धारा 353 के तहत दो साल का सश्रम कारावास और छह हजार रुपए जुर्माना जबकि 341 के तहत एक महीना का सश्रम कारावास और दो हजार रुपए जुर्माना की सजा हुई है। दोनों दोषियों को आर्म्स एक्ट की धारा 25(1-ए) के तहत आठ वर्ष का सश्रम कारावास एवं 25 हजार रुपए जुर्माना, 35 के तहत छह वर्ष का सश्रम कारावास एवं 15 हजार रुपए जुर्माना और 27(2) के तहत दस वर्ष का सश्रम कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माना की सजा हुई है। वहीं दोनों दोषियों को विस्फोटक अधिनियम की धारा 3 के तहत दस वर्ष का सश्रम कारावास एवं 20 हजार रुपए जुर्माना, धारा 4 के तहत छह वर्ष का सश्रम कारावास एवं 15 हजार रुपए जुर्माना और धारा 5 के तहत छह वर्ष का सश्रम कारावास एवं 15 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई है।

तीन अन्य अभियुक्तों विशाल कुमार सिंह, राहुल देव पांडेय और दिलीप साव को कोर्ट ने भारतीय दंड विधान की धारा 302/120 बी के तहत सश्रम आजीवन कारावास और प्रत्येक को 30 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई है। वहीं कोर्ट ने तीनों को भारतीय दंड विधान की धारा 341 के तहत एक महीना का कारावास एवं 200 रुपए जुर्माना और धारा 353 के तहत दो वर्ष का कारावास और छह हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई है।

तीनों दोषियों को सुनाई गई भारतीय दंड विधान की सजा में सभी सजाएं साथ साथ न चलकर एक के बाद दूसरी चलेगी। सुरक्षा की दृष्टिकोण और सुविधा के अनुसार अभियुक्तों को कोर्ट नहीं लाया गया था। बल्कि सभी सजाएं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनाई गई। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कोर्ट के प्रारंभ होते ही सुरक्षाकर्मियों ने कोर्ट परिसर को सुरक्षा के घेरे में ले लिया था। कोर्ट परिसर की अंदरूनी सुरक्षा के साथ-साथ कोर्ट परिसर के बाहर भी चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा कर्मी तैनात थे और इसके साथ ही सिविल कोर्ट परिसर में हुए गोलीकांड का आज पूरी तरह से पटाक्षेप हो गया।

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