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निगम के बनते ही छिन गया रिक्शा चालकों का स्टैंड !

गिरिडीह नगर निगम बनने की खुशी रिक्शा चालकों को रास नहीं आ रही है। वर्तमान में चालकों को पूरे शहर में कहीं भी स्टैंड नहीं होने से निगम के प्रति नारागजी है। स्टैंड या पड़ाव के अभाव के कारण ट्रैफिक पुलिस...

निगम के बनते ही छिन गया रिक्शा चालकों का स्टैंड !
हिन्दुस्तान टीम,गिरडीहMon, 29 Oct 2018 11:13 PM
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गिरिडीह नगर निगम बनने की खुशी रिक्शा चालकों को रास नहीं आ रही है। वर्तमान में चालकों को पूरे शहर में कहीं भी स्टैंड नहीं होने से निगम के प्रति नारागजी है। स्टैंड या पड़ाव के अभाव के कारण ट्रैफिक पुलिस के साथ उन्हें ऑटो व टोटोवाले भी परेशान करते रहते हैं। इस कारण इनकी कमाई भी घटती जा रही है।

एक से डेढ़ वर्ष पूर्व शहर में आधा दर्जन से अधिक रिक्शा स्टैंड थे। जो धीरे-धीरे वाहनों की बढ़ी संख्या के कारण गायब हो गए। निगम प्रशासन भी आय स्रोत बढ़ाने के लिए इनके स्टैंड को वाहनों के स्टैंड में बदल दिया, जबकि शहर में एक हजार से अधिक रिक्शा चालकों ने संघ के बैनर पर लड़ाई लड़कर स्टैंड सहित अन्य मांगों को नगर प्रशासन से मनवाया था। जिसके बाद संघ शिथिल पड़ा तो शहर में इनके स्टैंड गायब हो गए।

शहर में चलते हैं एक हजार रिक्शा: हाईटेक युग ने रिक्शा चालकों की कमाई पर ब्रेक लगा दी है। इसकी जगह ऑटो और टोटा छिनते जा रही है। शहर पर इसकी बढ़ी संख्या होने के बाद भी अभी एक हजार रिक्शा चालक है, जो दिन-रात सवारी लादकर अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं। इन पर अब निगम भी स्टैंड छिनकर आर्थिक चोट दे रही है।

कहां था रिक्शा स्टैंड और अब की तस्वीर: गांधी चौक, बड़ा चौक, सदर अस्पताल चौक, अम्बेदकर चौक, रोटरी आंइ हॉस्पीटल, भंडारीडीह आदि स्थानों पर रिक्शा स्टैंड हुआ करता था। यह जानकारी देते हुए संघ के अध्यक्ष राजू अग्रवाल ने कहा कि अभी निगम बनने के बाद गांधी चौक टोटा स्टैंड में बदल गया है। अम्बेदकर चौक के पास स्थल को बाइक पार्किंग के लिए दे दिया गया। रोटरी हॉस्पीटल के पास पेभर ब्लॉक लगाने से वहां रिक्शा को खड़ा रहने नहीं दिया जाता है।

क्या कहते हैं रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष: संघ अध्यक्ष राजेश अग्रवाल उर्फ राजू ने कहा कि लम्बे अरसे से शहर के छह से सात स्थानों पर रिक्शा चालकों के लिए स्टैंड नगर परिषद से चिन्हित था। निगम बनने पर यह स्टैंड अचानक से गुम हो गया। कहीं दोपहिया पार्किंग तो कहीं टोटो स्टैंड हो गया, जबकि नगर परिषद में रिक्शा चालकों से 60 रुपए सालाना टैक्स लिया जाता था। शहर में रिक्शा स्टैंड बेहद जरुरी है।

क्या कहते हैं नगर निगम के मेयर: मेयर सुनील पासवान ने कहा कि निश्चित रुप से रिक्शा चालकों को स्टैंड दिया जाएगा। पहले की व्यवस्था ही रहेगी। जहां जहां रिक्शा स्टैंड है, उसकी फाइल मंगवाकर देखेंगे। ऐसे रिक्शा संघ ने भी यह मांग की है।

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