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जैनियों के तीर्थस्थल पारसनाथ में धीरे धीरे लौट रही है रौनक

पीरटांड प्रतिनिधि पहुंच रहे हैं। तीर्थयात्रियों की बढ़ती आवाजाही के बाद दुकानें सजने लगी है। धर्मशालाओं में भी धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत हो गई...

जैनियों के तीर्थस्थल पारसनाथ में धीरे धीरे लौट रही है रौनक
हिन्दुस्तान टीम,गिरडीहWed, 17 Feb 2021 03:53 AM
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जैनियों तीर्थस्थल पारसनाथ में धीरे धीरे लौट रही है रौनक

पीरटांड़ प्रतिनिधि

जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल पारसनाथ में धीरे धीरे रौनक लौटने लगी है। लंबी लोक डॉउन अवधि के बाद विभिन्न प्रान्तों से श्रद्धालु अब पहुंच रहे हैं। तीर्थयात्रियों की बढ़ती आवाजाही के बाद दुकानें सजने लगी है। धर्मशालाओं में भी धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत हो गई है। पारसनाथ पहाड़ में भी श्रद्धालुओं की चहलकदमी से व्यापारियों की उम्मीद बढ़ गई है।

बताया जाता है की जैन धर्म के चौबीस में से बीस तीर्थंकरों की निर्वाण भूमि पारसनाथ मधुबन में रौनक बढ़ने लगी है। पारसनाथ पर्वत के दर्शन वंदन को लेकर मधुबन में तीर्थयात्रियों का जुटान शुरू हो गया है। बाजार से लेकर धर्मशालाएं सजने संवरने लगे हैं। आस्था व पर्यटन का अदभुत संगम पारसनाथ लंबी अवधि के बाद एक बार फिर तीर्थयात्रियों से गुलजार होने लगा है। विभिन्न मंदिरों में आयोजित धार्मिक कार्यक्रमों से मधुबन गुंजायमान होने लगा है। पारसनाथ जैन अनुआइयों के लिए सर्वोच्च तीर्थस्थल के साथ साथ आस्था का भी केंद्र है। इस लिहाज से जैन धर्म के श्रद्धालुओं का सालोंभर मधुबन आना जाना लगा रहता है। नूतन वर्ष के स्वागत की बात करे या होली महोत्सव की जैन श्रद्धालु बाबा की भक्ति के साथ महोत्सव का आनंद उठाना नहीं भूलते हैं। विशेष महोत्सव में बाबा की भक्ति व दर्शन पूजन का विशेष महत्व है। मधुबन में चातुर्मास व पर्यूषण पर्व मनाने का विशेष महत्व है। मधुबन जैन साधु संतों के लिए भी तपस्या का मुख्य केंद्र है पर लोक डॉउन अवधि में इसका खास असर देखा गया। लोक डॉउन अवधि में तीर्थयात्रियों की आवाजाही थम सी गई थी। जिसका असर व्यापारिक दृष्टिकोण से देखा गया। पर अब एक बार फिर तीर्थयात्रियों से मधुबन गुलजार होने लगा है। तीर्थयात्रियों के अलावा साधु संतों का भी आगमन शुरू हो गया है। महाराज श्री के साथ भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इस बाबत सतेंद्र जैन ने बताया कि धीरे धीरे मधुबन की रौनक बढ़ रही है। विभिन्न कोने से श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया है। इस माह दिगम्बर संत विशुद्ध सागर महाराज जी का ससंघ प्रवेश होनेवाला है। एक बार फिर से मधुबन तीर्थयात्रियों से गुलजार होगा इसकी पूरी उम्मीद है।

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