झारखंड में सड़क के अभाव में खटिया में कराह रहा है मरीज
झारखंड के दहिया गांव में सड़क के अभाव में मरीजों को खटिया में अस्पताल लाना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने लंबे समय से सड़क निर्माण की मांग की है। एक महिला को गंभीर चोट के बाद खटिया में लेकर तीन किलोमीटर दूर...
पीरटांड़, प्रतिनिधि। देश की आजादी का अमृत महोत्सव व 24 वर्ष पूरा कर चुका झारखंड में सड़क के अभाव में खटिया में कराह रहा है मरीज। गांव तक पक्की सड़क नही होने से घायल मरीजों को खटिया में टांगकर अस्पताल लाना पड़ रहा है। विश्व प्रसिद्ध पारसनाथ की तराई क्षेत्र में बसा दहिया गांव में सड़क के आभाव में मरीजों की भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के ग्रामीण लम्बे समय से सड़क निर्माण की मांग कर रहे है। बतला दे कि झारखंड की धरोहर सम्मेदशिखर पारसनाथ की तराई में बसा आदिवासी बाहुल्य गांव दहिया के लोग सड़क के आभाव में मरीजों को खटिया में टांगकर अस्पताल तक लाने के लिए विवश है। पक्की सड़क के अभाव में गांव तक एम्बुलेंस नही पहुंच पाती है। सड़क के अभाव में ग्रामीणों को भारी परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है। गांव के ग्रामीण पगडण्डियों के सहारे रोज आना जाना करते है। पर घटना दुर्घटना व तबियत बिगड़ने के बाद मरीजों को अस्पताल तक ले जाने के लिए गांव का खटिया ही एम्बुलेंस के रूप में काम आता है। दहिया गांव से लगभग तीन किलोमीटर पिपराडीह मोड़ तक मरीजों को खटिया का सहारा लेना पड़ता है। रविवार सुबह एक इस प्रकार मामला सामने आया। दहिया गांव निवासी 42 वर्षीय मनीषा देवी पति मुंशी हांसदा पगडण्डियों के रास्ते पानी लाने के दौरान असंतुलित होकर गिर गई। घटना में मनीषा देवी को गंभीर चोट लगी। मनीषा देवी को दाहिना हाथ व शरीर के अन्य हिस्से में चोट लगने से कराह उठी। सड़क के अभाव में गांव के ग्रामीण खटिया को एम्बुलेंस बनाकर मरीज को लगभग तीन किलोमीटर पिपराडीह तक टांगकर लाया। हलाकि मरीज की हालत खतरे से बाहर बताई गई है। गौरतलब है कि पीरटांड़ प्रखण्ड मुख्यालय से लगभग ग्यारह किलोमीटर दूरी पर मधुबन पंचायत का आदिवासी बाहुल्य गांव दहिया पहाड़ की तराई में बसा है। पीरटांड़ अथवा मधुबन से पिपराडीह तक पक्की सड़क है। पर पिपराडीह से अंदर तीन किलोमीटर पगडण्डियों के रास्ते दहिया गांव बसा है।गांव तक पक्की सड़क नही होने से ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बावत गांव के ग्रामीण ने कहा कि सड़क के आभाव में मरीजों को आने जाने में दिक्कत होती है। कच्ची सड़क व बीच मे छोटे छोटे नाले के वजह से वाहन अथवा एम्बुलेंस गांव तक नही आती है। कहा कि सड़क के अभाव मरीज को खटिया में टांगकर अस्पताल ले जा रहे है।
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