पारसनाथ में बैकफुट पर हैं नक्सली
नक्सलियों का सुरक्षित ठिकाना माना जानेवाला पारसनाथ इलाके में पुलिस की कार्रवाई से नक्सली बैकफुट पर हैं। इलाके में लगातार पुलिसिया कार्रवाई से माओवादियों का संगठन काफी कमजोर हो गया...
नक्सलियों का सुरक्षित ठिकाना माना जानेवाला पारसनाथ इलाके में पुलिस की कार्रवाई से नक्सली बैकफुट पर हैं। इलाके में लगातार पुलिसिया कार्रवाई से माओवादियों का संगठन काफी कमजोर हो गया है। पुलिस एक ओर जहां पारसनाथ से नक्सली संगठन का नामो निशान मिटाने में जुटी है वहीं नक्सली अपना अस्तित्व बचाने की जुगत में है। इलाके में बीते दो दशक से गहरी पैठ जमाये नक्सली संगठन टूट के कगार पर है। नक्सलियों के खिलाफ इलाके में लगातार छापेमारी अभियान, इनामी नक्सलियों की गिरफ्तारी तथा नक्सलियों की मांद से हथियार व विस्फोटक की बरामदगी से संगठन की कमर टूट गई है। पुलिसिया कार्रवाई से नक्सली संगठन का जनाधार भी कम हुआ है। संबंधित लोगों में दहशत का माहौल है। चार दशक पहले इलाके में नक्सलियों ने दस्तक दी थी। धीरे धीरे संगठन का विस्तार हुआ। इलाके में घटना को अंजाम देकर नक्सलियों ने लोगों के बीच दहशत कायम की और ग्रामीण क्षेत्रों में जनाधार भी बढ़ाया। सुदूरवर्ती इलाकों में नक्सलियों की समानांतर सरकार चलती थी। इलाके के कई नक्सली नेता न केवल पारसनाथ बल्कि अन्य प्रान्तों में भी शीर्ष नेतृत्व का पद पर रहें। झारखण्ड पुलिस के लिए सिरदर्द बने कई नक्सली नेताओं पर इनाम भी रखा गया है। पर बदलते समय और शासन में नक्सलियों के विरुद्ध पुलिस मजबूत हुई है। लगातार पुलिस नक्सली संगठन को शिकस्त दे रही है। 5-6 मार्च को नक्सलियों के विरुद्ध पुलिस ने नक्सली संगठन को तगड़ा झटका दिया है। वहीं पुलिस गिरफ्तार किए गए नक्सली से पूछताछ कर ओरों की तलाश कर रही है।