
50 लाख की बजाय चंद रुपए खर्च कर बना डाला खेल मैदान
संक्षेप: मैदान मुखिया के नेतृत्व में ग्रामीणों ने साधा एक तीर से दो निशाना धर्मेन्द्र पाठक बगोदर। प्राणियों में मनुष्य को विवेकशील कहा गया है, क्योंकि वह अपने
बगोदर। प्राणियों में मनुष्य को विवेकशील कहा गया है, क्योंकि वह अपने विवेक से असंभव कार्य को भी संभव कर दिखाता है। ऐसा ही एक मामला बगोदर प्रखंड के पोखरिया में देखने को मिला है। जहां सिर्फ विवेक का इस्तेमाल कर हजारों हाइवा मिट्टी और डस्ट डालकर गड्ढ़ेनुमा 6 एकड़ भूमि को समतल कर खेल मैदान में बदल दिया गया है। गड्ढ़ा नुमा 6 एकड़ भूमि में मिट्टी और डस्ट भरकर समतल करने में 50 लाख रुपए संभावित खर्च होने का अनुमान है लेकिन विवेक लगाने के कारण चंद रुपए में मैदान बनकर तैयार हो गया है। गड्ढ़ा नुमा भूमि को खेल मैदान के रूप में परिणत करने में मुखिया प्रदीप महतो का अहम रोल रहा है।

इस कार्य में उन्हें गांव के अन्य गणमान्य लोगों का भी सहयोग मिला है। तालाब की गहराई से जुड़ी है खेल मैदान की कहानी दरअसल, बगोदर के तत्कालीन विधायक विनोद कुमार सिंह के प्रयास से 75 लाख रुपए की लागत से गांव के तालाब का पिछले साल गहरीकरण किया गया था। उसी तालाब जीर्णोद्धार की मिट्टी से खेल मैदान को समतल करा दिया गया है। यूं कहें कि मुखिया प्रदीप महतो के नेतृत्व में गांव के गणमान्य लोगों के द्वारा एक तीर से दो निशाना साधा गया है। तालाब गहरीकरण के दौरान निकाली गई मिट्टी को 6 एकड़ गैर मजरूआ और गड्ढा नुमा भूमि में डालकर उसे खेल मैदान के रूप में परिणत किया गया है। तालाब गहरीकरण से निकली मिट्टी को उसी भूमि में डाला गया और फिर जेसीबी लगाकर जमीन को समतलीकरण कराया गया। मुखिया प्रदीप महतो ने बताया कि तालाब गहरीकरण से निकले हजारों हाइवा मिट्टी उक्त जमीन पर गिराई गई। उन्होंने बताया कि खेल मैदान को समतलीकरण कराने में 50 लाख रुपए खर्च होने की संभावना थी लेकिन उनकी एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की सूझबूझ के परिणामस्वरूप चंद रूपए की लागत से खेल मैदान तैयार हो गया। उन्होंने बताया कि पोखरिया पंचायत में खेल मैदान नहीं होने का मलाल ग्रामीणों खासकर खेल प्रेमियों एवं गांव के खिलाड़ियों को था। ऐसे में ग्रामीणों के प्रयास से सबसे पहले 6 एकड़ गैर मजरूआ भूमि को खेल मैदान के लिए घोषित किया गया और अब खेल मैदान का समतलीकरण कराया गया। बताया कि खेल मैदान होने से गांव के खिलाड़ियों को प्रतिभा दिखाने का अवसर मिल सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि खेल मैदान बनाने में बीटीपीएस बोकारो के द्वारा भी सहयोग किया गया है। साढ़े चार सौ हाइवा डस्ट बीटीपीएस के द्वारा मैदान समतलीकरण कार्य में सहयोग के रूप में दिया गया है। डस्ट के ऊपर एक बार फिर से मिट्टी डालकर मैदान को समतल किया गया।

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