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मकर संक्रांति: नदियों में लगी आस्था की डुबकी

मकर-संक्रांति का पर्व जिले के सभी प्रखंडों में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। हालांकि कई लोगों ने रविवार को मकर-संक्रांति का त्योहार मनाया जबकि कई लोग सोमवार को त्योहार मनायेंगे। मकर संक्रांति को लेकर...

मकर संक्रांति: नदियों में लगी आस्था की डुबकी
हिन्दुस्तान टीम,गिरडीहMon, 15 Jan 2018 01:55 AM
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मकर-संक्रांति का पर्व जिले के सभी प्रखंडों में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। हालांकि कई लोगों ने रविवार को मकर-संक्रांति का त्योहार मनाया जबकि कई लोग सोमवार को त्योहार मनायेंगे। मकर संक्रांति को लेकर जिले के नदी-सरोवरों में पुण्य स्नान के लिए लोगों की भीड़ जुटी।

मकर संक्रांति की तिथि को लेकर असमंजस: पंडित कैलाशचंद्र मिश्रा ने बताया कि पंचांग के अनुसार रविवार रात 8 बजे सूर्य का मकर का प्रवेश हुआ है। रात्रि में पुण्यकाल का स्नान नहीं होता है। इसलिए 15 जनवरी को स्नान के बाद मकर-संक्रांति मनायी जायेगी। लेकिन प्रतिवर्ष 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति का त्योहार होता है। इस कारण कई लोग इसी दिन मकर संक्रांति का त्योहार मना लिए। कुल मिलाकर इस वर्ष मकर संक्रांति का त्योहार दो दिनों तक मनाया जा रहा है। रविवार को बराकर नदी में हजारों लोगों ने स्नान किया। यहां स्थित शिव मंदिर में पूजा अर्चना की। तत्पश्चात लोगों ने घर जाकर विधि विधान से दही-चूड़ा तिलकुट ग्रहण कर संक्रांति का त्योहार मनाया। कई समाजसेवियों द्वारा गरीबों के बीच चूड़ा व तिलकुट का वितरण किया गया।

इस दौरान शहर में घेवर की खूब बिक्री हुई। बड़ा चौक, कालीबाड़ी चौक में अस्थायी रुप से घेवर बनाने की कई दुकानें लगाई गई हैं। इस दौरान गिरिडीह में कहीं भी पतंगबाजी प्रतियोगिता नहीं हुई लेकिन अपने-अपने स्तर से कई बच्चों ने पतंग उड़ाकर मस्ती की। पतंगों में भी इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ की तस्वीर का क्रेज देखा गया।

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