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छठ घाटों की साफ-सफाई शुरू नहीं, सहयोग लेकर किया जाएगा काम

छठ घाटों की साफ-सफाई शुरू नहीं, सहयोग लेकर किया जाएगा काम

संक्षेप: डुमरी प्रखंड में छठ घाटों की सफाई और मरम्मत की जिम्मेदारी पूजा समितियों और श्रद्धालुओं पर है। बारिश से घाट और रास्ते जर्जर हो गए हैं। स्थानीय प्रशासन के पास फंड की कमी के कारण, ग्रामीणों को मिलकर सफाई...

Sat, 18 Oct 2025 02:20 AMNewswrap हिन्दुस्तान, गिरडीह
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डुमरी। डुमरी प्रखंड के छठ घाटों के रास्ते की मरम्मत व साफ-सफाई के प्रति स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधि को अधिक मतलब नहीं रहता है। सफाई, रास्ता बनाने व लाइट सजाने का पूरा जिम्मा पूजा समितियों, क्लबों और श्रद्धालुओं पर ही रहता है। अत्यधिक बारिश के कारण इस वर्ष प्रखंड के छठ घाट व रास्ते काफी जर्जर हो गए हैं। मरम्मत और सफाई में इस बार ज्यादा समय और मेहनत लगने के कारण पूजा समितियों व क्लबों को दीपावाली की सुबह से ही प्रयास शुरू करना होगा। प्रखंड व पंचायतों के पास इस मद में पर्याप्त राशि नहीं रहने से पूजा समितियों, क्लबों और श्रद्धालुओं को ही इन कार्यों की जिम्मेदारी बाजार से सहयोग लेकर उठानी पड़ती है।

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इसरी चौक का इसरी नदी घाट, इसरी स्टेशन रोड स्थित पंपू तालाब, जामतारा के जमुनिया नदी, हेठ टोला के जमुनिया नदी सहित दो दर्जन से अधिक घाटों में छठ पूजा होती है। इनमें से इसरी चौक स्थित ईसरी नदी छठ घाट, इसरी स्टेशन रोड स्थित पंपू तालाब छठ घाट और जामतारा के जमुनिया नदी छठ घाट में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है जिस कारण रास्ता के साथ-साथ पूरे नदी व तालाब तक आकर्षक प्रकाश से साज-सजावट की जाती है। लोगों के सहयोग से रुपए होते हैं खर्च इस संबंध में जमुनिया नदी छठ घाट सुदृढ़ीकरण का जिम्मा उठानेवाले युवक जामतारा निवासी प्रदीप केवट, शशि जायसवाल व संदीप जायसवाल ने बताया कि लाइट, रास्ता व छठ घाट बनाने में करीब एक लाख रुपए से अधिक का खर्च होता है। जिसे ग्रामीणों के सहयोग से जुटाया जाता है। नवभारत संघ के अध्यक्ष शुभम भदानी व कोषाध्यक्ष सुभाष कुमार सिन्हा ने बताया कि संघ ही छठ घाट व रास्ते की मरम्मत तथा साफ सफाई कराता है। इस मद में लगभग 50-60 हजार रुपए खर्च होते हैं। पिछले वर्ष पंचायत स्तर पर मुखिया ने जेसीबी मशीन से भी मरम्मत कराई थी। स्टार क्लब के मनोज जायसवाल एवं लायंस क्लब के अध्यक्ष आलोक डागा ने बताया कि छठ घाट व रास्ते की मरम्मत तथा साफ-सफाई दोनों क्लबों के संयुक्त सहयोग से कराई जाती है। इस मद में लगभग 80-90 हजार रुपए खर्च होते हैं। डेढ़ वर्ष से 15 वें वित्त की राशि नहीं मिली जामतारा मुखिया खेमलाल महतो, इसरी उत्तरी पंचायत के रीना कुमारी व दक्षिणी पंचायत के मुखिया सीता राम तुरी ने बताया कि 14 वें वित्त आयोग कंटीजेंसी फंड का इस्तेमाल हमलोग पहले करते थे। लेकिन पिछले डेढ़ वर्षों से 15 वें वित्त आयोग की राशि पंचायतों को नहीं मिलने से छठ घाटों की मरम्मत कराने में मुश्किल आ रही है। इसरी नदी छठ घाट के चारों ओर कचरा छठ घाट के आसपास घास और झाड़ियां उग आई हैं। कीचड़ व कूड़ा-कचरा भरा हुआ है। वहीं घाट जाने वाले रास्ते में जगह-जगह गंदगी फैली हुई है और नालियों का पानी बह रहा है। इसरी चौक के होटलों दुकानों और घरों का कचरा नदी में डाल देने के कारण नदी का पानी और नदी का तल काफी गंदा हो गया है। इस बार भी पूजा समितियों को इसकी सफाई कराने में काफी समय और मेहनत की जरूरत होगी। छठ घाट व रास्ते की मरम्मत व साफ सफाई स्टार क्लब व लायंस क्लब करता है। जामतारा का जमुनिया नदी घाट आबादी से दूर है। छठ घाट सहित रास्ते की सफाई और मरम्मत में काफी मेहनत करनी होगी। इस बार जमकर हुई बारिश के कारण घाट की मरम्मत और नदी की धार को नियंत्रित करने में पूजा समितियों को कड़ी मशक्कत करनी होगी। इस छठ घाट व रास्ते की मरम्मत व साफ सफाई युवा और श्रद्धालु ही करते हैं। प्रखंड के पास नहीं आता है कोई फंड: बीडीओ इस संबंध में पूछे जाने पर सीओ सह प्रभारी बीडीओ शशिभूषण वर्मा ने बताया कि इस मद में प्रखंड के पास कोई फंड नहीं आता है।