करमा को लेकर बहनों में उत्साह
बेंगाबाद( प्रतिनिधि)। प्राकृतिक से जुड़ा करमा झारखंड का प्रसिद्ध पर्व माना जाता है। इस...
बेंगाबाद( प्रतिनिधि)। प्राकृतिक से जुड़ा करमा झारखंड का प्रसिद्ध पर्व माना जाता है। इस पर्व को लेकर ग्रामीण क्षेत्र उत्साह में डूबा हुआ है। शुक्रवार को महिलाएं कर्म एकादशी का व्रत धारण कर रात में कर्म डाली की विधिवत पूजा-अर्चना करेगी। एक सप्ताह तक चलने वाले इस पर्व के आखिरी दिन हे रमा हरियर गोबरे आंगना निपलिए रे। गज मोती चौरा कुटी चौकवा पुरेलिए रे... लोक आधारित गीतों से बेंगाबाद की धरती गूंज रही थी। इस पर्व को लेकर बहनों से लेकर महिलाएं काफी उत्साह में डूबी हुई हैं। पर्व की तैयारी को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों मे काफी चहल पहल है। घर आंगन की साफ-सफाई से लेकर करमा डाली की पूजनोत्सव की तैयारी को लेकर महिलाएं घर आंगन की साज सजावट में जुटी हुई थी। व्रत धारण करने वाली महिलाएं आज स्नान ध्यान कर नियमों का पालन कर रही हैं। एक सप्ताह तक चलने वाले इस पर्व के मौके पर घर आंगन में जावा डाली रख महिलाएं चारों ओर घूम कर गीत गाती और नाचती हैं।
करमा की डाली की रात में होती है पूजा: भाद्र शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को करमा की डाली की पूजा होती है। कर्म एकादशी का व्रत धारण कर बहनें भाइयों की दीर्घायु होने की कामना को लेकर रात में महिलाएं करमा डाली की विधिवत पूजा-अर्चना करती हैं। करमा डाली को फूल माला से पूजा जाता है, और डाली की रक्षा बंधन करती है। वहीं इस रात बहने में इस पर्व को लेकर काफी श्रद्धा से पूजा पाठ करती हैं। क्षेत्र में पूरा चहल पहल रहता है।
