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मधुबन में दशलक्षण पर्व के अंतिम दिन धार्मिक कार्यक्रमों की धूम

मधुबन में दशलक्षण पर्व के अंतिम दिन कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। दशलक्षण पर्व के निमित साधु संतों के द्वारा धर्म की विवेचना की...

मधुबन में दशलक्षण पर्व के अंतिम दिन धार्मिक कार्यक्रमों की धूम
हिन्दुस्तान टीम,गिरडीहSun, 23 Sep 2018 11:07 PM
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मधुबन में दशलक्षण पर्व के अंतिम दिन कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। दशलक्षण पर्व के निमित साधु संतों के द्वारा धर्म की विवेचना की गई। श्रद्धालुओं ने जैन धर्म के दस धर्म का विधिवत पालन किया।

बता दें कि जैन धर्म के महत्वपूर्ण पर्व दशलक्षण महापर्व के अवसर पर एक ओर साधु संत भक्ति भावना में लीन है, वहीं विभिन्न धर्मशालाओं व मंदिरो में धार्मिक कार्यक्रम का दौर चल रहा है। दस दिनों तक साधना आराधना के साथ अंतिम दिन धार्मिक कार्यक्रमों की धूम मची रही। दशलक्षण महापर्व में विभिन्न प्रान्तों से मधुबन पहुंचे श्रद्धालु भक्ति भावना में लीन है। जैन धर्म के दशलक्षण महापर्व के अवसर पर तेरहपंथी कोठी से लेकर बीसपंथी कोठी में नित प्रतिदिन पूजा आराधना धार्मिक अनुष्ठान भक्ति जागरण का आयोजन चल रहा है। प्रतिदिन अलग-अलग धर्म का पालन व साधु संतों के द्वारा धर्म की विवेचना की गई। तेरहपंथी कोठी में विराजमान आचार्य विराग सागर जी महाराज के सानिध्य में दस दिनों का धार्मिक शिविर का आयोजन किया गया। बीसपंथी कोठी में भी दशलक्षण पर्व के निमित धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। दशलक्षण पर्व के अंतिम दिन यानी अनंत चतुर्दशी को संभव शरण मंदिर में भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया। बीसपंथी कोठी अंतर्गत पारस ज्योति मंडल के बैनर तले सम्भव शरण मंदिर में न केवल भजन संध्या का आयोजन किया गया बल्कि धर्म से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम के माध्यम से धर्म के जानकारों को सम्मानित भी किया गया। पारस ज्योति मंडल द्वारा समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वालो को भी सम्मानित किया गया। मंदिर में पूजा आराधना के बाद महाआरती की गई। दशलक्षण महापर्व समाप्ति के बाद दूसरे दिन जैन अनुयायी एक दूसरे से क्षमायाचना करेंगे।

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