अदालत के आदेश की बार-बार अवहेलना को ले पीपी का तेवर तल्ख
गिरिडीह में अदालत के आदेश की बार-बार अवहेलना का मामला सामने आया है। बिरनी पुलिस द्वारा जमानत याचिका के लिए केस डायरी और जख्म प्रतिवेदन की रिपोर्ट नहीं दी जा रही है। पीपी अशोक कुमार ने अदालत में पुलिस...

गिरिडीह। अदालत के आदेश की बार-बार अवहेलना किये जाने का एक मामला प्रकाश में आया है। बिरनी पुलिस जमानत याचिका की सुनवाई के लिए अदालत द्वारा मांगी गई केस डायरी को लेकर मनमानी की जा रही है। अदालत को जख्म प्रतिवेदन की रिपोर्ट नहीं दी जा रही है। इसी को लेकर मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ हरिओम कुमार की अदालत में बिरनी थाना से संबंधित एक मामले में जमानत अर्जी की सुनवाई के दौरान पीपी अशोक कुमार के तेवर तल्ख दिखे। न्यायालय को नारायण महतो के मामले में जो केस डायरी अनुसंधानकर्ता द्वारा भेजी गयी थी उसमें किसी भी जख्मी की इंज्यूरी रिपोर्ट नहीं दी गई थी जबकि पीपी अशोक कुमार ने कई बार केस डायरी और इंज्यूरी रिपोर्ट की मांग की थी।
पीपी अशोक ने अदालत को बताया कि बिरनी पुलिस मनमानी कर रही है और बेलगाम हो गई है। उन्होंने बिरनी पुलिस को अभियोजन सेल से फैक्स भेजकर मंगलवार को जख्म प्रतिवेदन देने को कहा था। पीपी ने न्यायालय से कहा कि केस में जो भी हो ऑर्डर किया जाए क्योंकि बिरनी पुलिस उनकी मांग को दरकिनार कर रही है। बता दें कि बिरनी थाना क्षेत्र के टाटो में जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच झड़प हुई थी। इसको लेकर दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी। न्यायालय में इसी घटना को लेकर महेंद्र वर्मा के मामले में केस डायरी की मांग काफ़ी पहले की गई थी। इस मामले में केस डायरी उपलब्ध नहीं करा कर दूसरे पक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए काम करने का आरोप बिरनी पुलिस पर लग रहा है। बताया जाता है कि न्यायालय ने इस मामले में अनुसाधनकर्ता के खिलाफ कार्यवाही का आदेश जारी कर सकता है।
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