पुल बनने पर ग्रामीणों ने सांसद का चरण धोकर पीया था
गोड्डा-कन्वारा के गामीणों ने पंचायत भवन के समक्ष एकदिवसीय धरना देेकर सांसद निशिकांत दूबे के चरण धोकर पीने के मामले में टिप्पनी कर विरोध करने वाले लोगों को चेतावनी दी। ग्रामीणों ने कहा कि गोड्डा से...
गोड्डा-कन्वारा के गामीणों ने पंचायत भवन के समक्ष एकदिवसीय धरना देेकर सांसद निशिकांत दूबे के चरण धोकर पीने के मामले में टिप्पनी कर विरोध करने वाले लोगों को चेतावनी दी। ग्रामीणों ने कहा कि गोड्डा से सटा यह गांव विकास के मामले में काफी पिछड़ा है। उन्होंने सांसद से एक पुल का निर्माण कराकर कन्वारा को गोड्डा से जोड़ने की मांग की थी। ग्रामीणों ने वादा करते हुए कहा था कि जिस दिन आप पुल दीजिएगा, उस दिन आपका चरण धोकर चरणामृत लेंगे। पुल की स्वीकृति हो गई। शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान जब सांसद मंच पर आए, तो गांव के पुरुष, महिला, छोटे-छोटे बच्चे और बूढ़े कार्यक्रम में सांसद के दर्शन के लिए पहुंचे। एक कार्यकर्ता पवन साह ने वादे के मुताबिक ग्रामीणों की ओर से सांसद के चरण धोने की तैयारी शुरू कर दी। इसके लिए सांसद ने कार्यकर्ता क ो काफी रोका, लेकिन चरण धोने के लिए कार्यकर्ता और ग्रामीण जिद्द करने लगे। इसके बाद कार्यकर्ता ने चरण धोया और चरणामृत लिया। जब यह कार्यक्रम हुआ, तो ग्रामीण काफी खुश थे, क्योंकि इस पुल से कन्वारा गांव शहर में तब्दील हो जाएगा। वहीं इसका विरोध बाहर के कुछ लोगों द्वारा टीवी मीडिया, फेसबुक, सोशल मीडिया पर करने का दौर शुरू हो गया। ग्रामीणों को इसकी जानकारी हुई, तो उन्होंने कहा कि 70 वर्षों से गांव में विकास नहीं पहुंचा। गोड्डा से नजदीक होने के बावजूद उसे विकास से दूर रखा गया, क्योंकि यह गांव भाजपा समर्थित गांव है। आज विकास हुआ है, तो विपक्ष समेत अन्य लोग विरोध कर रहे हैं और अपने समर्थकों से भी करवा रहे हैं, जिससे ग्रामीण आहत हैं। विकास का विरोध करने पर ग्रामीण एकदिवीस धरने पर हैं, इससे बात नहीं बनी, तो हमलोग जल समाधि भी लेंगे। मुखिया ने परमानंद ने कहा कि विकास से अछूते गांव का विकास सांसद निशिकांत दूबे ने किया है। गांव के लोग इतने भावुक हो गए थे कि यह कार्यक्रम खुशी-खुशी और सांसद के प्रेम भाव में किया गया, जिसका विरोध करना गलत है।