नेत्रदान पखवाड़ा के लिए जागरूकता कार्यशाला का आयोजन
गोड्डा में राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत नेत्रदान जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई। एएनएम आराधना कुमारी ने नेत्रदान की प्रक्रिया और महत्व पर प्रकाश डाला। नेत्रदान सरल और 10-15 मिनट की प्रक्रिया...
गोड्डा, संवाद सूत्र। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन गोड्डा के तत्वावधान में स्थानीय शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर रामनगर गोड्डा में 39 वी राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा हेतु जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया । जिसमें एएनएम आराधना कुमारी के द्वारा नेत्रदान पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि नेत्रदान का मतलब है मृत्यु के बाद किसी को आंखों की रोशनी देना । यह एक तरह से आंखों का दान होता है, जिससे मृत्यु के बाद किसी दूसरे नेत्रहीन व्यक्ति को देखने में मदद मिलती है। जैसा लोग मानते हैं कि यह आंखों का ट्रांसप्लांट होता है, लेकिन ऐसा नहीं होता है। यह एक कॉर्निया का दान होता है। इसमें पूरी आंख को नहीं निकाला जाता है यानी आंख की बॉल को नहीं निकाला जाता है, इसमें सिर्फ ट्रांसप्लांट टीश्यू ही लिए जाते हैं। यह किसी भी डोनर की मृत्यु के बाद ही होता है । नेत्रदान करने की प्रक्रिया के बारे में उन्होंने बताया कि परिवार वालों को जितना जल्दी हो सके नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी करवानी चाहिए । आंखों को डोनेट के बाद जल्द से जल्द ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है । यदि समय लगता है तो कॉर्निया को कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है जहां से 7 दिनों के अंदर उसका इस्तेमाल कर लिया जाता है । नेत्रदान सरल और आसान प्रक्रिया है, इसमें महज 10 से 15 मिनट का समय लगता है । ये पंजीकरण आप मृत्यु से पहले भी करवा सकते हैं ताकि मृत्यु के बाद आपकी आंखों को दान किया जा सके । डोनर के परिवार वालों के निकटतम आई बैंक में टीम को सूचित करना होता है इसके बाद टीम कॉर्निया निकालने की प्रक्रिया पूरी करती है । मृत्यु के बाद आंखों को निकालने से चेहरे पर कोई निशान नहीं बनता है। इस मौके पे जिला शहरी स्वास्थ्य प्रबंधक जयशंकर, अर्बन कम्युनिटी फेसिलिटेटर प्रहलाद कुमार,बेबी कुमारी, ए एन एम अलबिना सोरेन ,प्रभारी ए एन एम अटल क्लिनिक शांतिनगर मनीता भारती , सहिया अंजू,सोनी,राखी, प्रियंका आदि उपस्थित थी
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