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झारखंड: अस्पताल ने मुहैया नहीं कराई एंबुलेंस, बेटी की लाश बाइक पर लादकर ले जाने को मजबूर हुआ पिता

झारखंड में जिला अस्पताल द्वारा एक मृतक के परिजनों को एंबुलेंस मुहैया नहीं कराने का मामला सामने आया है। ऐसे में एक पिता को अपनी बेटी का शव मोटरसाइकिल पर लादकर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।...

Arif Khanगोड्डा, एजेंसीFri, 08 Dec 2017 01:27 PM

झारखंड: अस्पताल ने मुहैया नहीं कराई एंबुलेंस, बेटी की लाश बाइक पर लादकर ले जाने को मजबूर हुआ पिता

झारखंड: अस्पताल ने मुहैया नहीं कराई एंबुलेंस, बेटी की लाश बाइक पर लादकर ले जाने को मजबूर हुआ पिता1 / 3

झारखंड में जिला अस्पताल द्वारा एक मृतक के परिजनों को एंबुलेंस मुहैया नहीं कराने का मामला सामने आया है। ऐसे में एक पिता को अपनी बेटी का शव मोटरसाइकिल पर लादकर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। मामला झारखंड के गोड्डा के जिला अस्पताल का है। जिले के पेलागरी गांव के रहने वाले महादेव शाह अपनी 12 वर्षीय बेटी ललिता कुमारी को 6 दिसंबर की सुबह अस्पताल लेकर आए थे। ललिता को दिल की बीमारी थी। उसका इलाज पहले एक प्राइवेट अस्पताल में चल रहा था, उसके बाद उसे फाइनल चेकअप के लिए मशहूर अस्पताल सदर अस्पताल लाया गया था। उसके बाद ललिता की उसी दिन अस्पताल में मौत हो गई। लेकिन ललिता के पिता को घर पर उसका शव ले जाने के ले लिए एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया गया। हालांकि, अस्पताल ने ललिता के पिता शाह की ओर से लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया है।

बता दें, रांची में गलत इलाज की वजह से एक बच्ची की मौत के बाद 11 बड़े डॉक्टरों समेत 21 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोपियों में रांची के पांच, कोलकाता के दो और बेंगलुरू के चार डॉक्टर शामिल हैं। गुप्ता का आरोप है कि बिना बीमारी का पता लगाए डॉक्टरों ने गलत इलाज किया और दवाएं दीं। इससे तीन अगस्त को 11 महीने की बच्ची की मौत हो गई। मामला कोकर हैदरअली रोड निवासी विनोद कुमार गुप्ता ने दर्ज करवाया है।

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दिल की थी बीमारी, सर्दी की दवा दी: विनोद ने बताया कि बच्ची को हृदय रोग था। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। वह खाना भी नहीं खा पा रही थी। लेकिन डॉक्टरों ने बिना जांच किए, खांसी की दवा दी। इससे उसकी स्थिति बिगड़ गई।

 

अस्पताल ने मुहैया नहीं कराई एंबुलेंस, बेटी की लाश बाइक पर लादकर ले जाने को मजबूर हुआ पिता

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इस साल सितंबर महीने में प्रदेश के जमशेदपुर में भी ऐसा ही मामला देखने को मिला था। यहां पर एक पिता ने अपने बेटे की मौत के बाद अस्पताल से एंबुलेंस की मांग की थी। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उसे एंबुलेंस देने से मना कर दिया। ऐसे में पिता को अपने बेटे का शव बाइक पर ही ले जाना पड़ा। स्थानीय सांसद ने अस्पताल का बिल तो माफ करवा दिया था, लेकिन काफी गुहार लगाने के बाद भी उसे एंबुलेंस नहीं मिल पाई थी। 

अस्पताल ने मुहैया नहीं कराई एंबुलेंस, बेटी की लाश बाइक पर लादकर ले जाने को मजबूर हुआ पिता

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बता दें, इस पहले जुलाई महीने में भी एक और ऐसा ही मामला झारखंड से सामने आया था। झारखंड के छतरा जिले में एक आदिवासी को अपने भाई का शव पैदल लेकर जाना पड़ा था। पैसे नहीं होने की वजह से एंबुलेंस का इंतजाम नहीं हो पाया था। इस दौरान मृतक की भाभी भी साथ में थी। जिले के शिदपा नाम के गांव में रहने वाले लक्ष्मण एरोन के भाई राजेंद्र को सांप ने काट लिया था, जिसके बाद उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान राजेंद्र की मौत हो गई थी। इसके बाद उसका पोस्टमार्टम कराया गया। लेकिन शव को ले जाने के लिए जब एंबुलेंस की मांग की गई तो अस्पताल की ओर से उनसे पैसे मांगे गए। मृतक के भाई के पास पैसे नहीं थे। ऐसे में उसे मजबूरन पैदल ही अपने भाई का शव ले जाना पड़ा।