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मौजूदा सरकार आदिवासी विरोधी: जागरूक मंच

स्थानीय जागरूक मंच के बैनर तले मंगलवार को 32 जनजातीय समुदाय द्वारा जिला मुख्यालय के पीएई स्टेडियम में आदिवासी जनाक्रोश महारैली आयोजित...

स्थानीय जागरूक मंच के बैनर तले मंगलवार को 32 जनजातीय समुदाय द्वारा जिला मुख्यालय के पीएई स्टेडियम में आदिवासी जनाक्रोश महारैली आयोजित...
1/ 2स्थानीय जागरूक मंच के बैनर तले मंगलवार को 32 जनजातीय समुदाय द्वारा जिला मुख्यालय के पीएई स्टेडियम में आदिवासी जनाक्रोश महारैली आयोजित...
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हिन्दुस्तान टीम,गुमलाWed, 25 Apr 2018 12:05 AM
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स्थानीय जागरूक मंच के बैनर तले मंगलवार को 32 जनजातीय समुदाय द्वारा जिला मुख्यालय के पीएई स्टेडियम में आदिवासी जनाक्रोश महारैली आयोजित हुई। केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों को आदिवासी विरोधी बताया। और महारैली के उत्तरार्द्ध में अपनी मांगों का ज्ञापन उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा। इससे पूर्व आदिवासी हक अधिकार के आह्वान पर आयोजित जनाक्रोश महारैली को संबोधित करते हुए ग्लैडसन डुंगडुंग ने तेली और कुर्मी जाति को आदिवासी का दर्जा दिए जाने के प्रयासों का कड़ा विरोध किया। और कहा कि आदिवासी सामुदायिक व्यवस्था में जीते हैं जबकि कुर्मी और तेली जाति व्यवस्था में जीते है। वहीं विनय भूषण टोप्पो ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पांचवी अनुसूची मूलत: आदिवासियों का है। सरकार की संवेदनहीनता के कारण आदिवासियों की पहचान और अधिकार छीना जा रहा है। दूसरे राज्यों के भाषाओं को मान्यता मिल रही है। और स्थानीय युवाओं की नौकरी छीनी जा रही है। मौके पर पादा पड़हा समाज द्वारा उनके हक और अधिकार के लिए आवाज उठाई गई। और पड़हा व्यवस्था को बचाने का आह्वान किया गया। उधर पीएई स्टेडियम में महारैली में शामिल लोगों ने जुलूस की शक्ल में शहर के मुख्य मार्ग पर निकलकर सरकार के जनविरोधी नीति के खिलाफ नारेबाजी की। और अपने हक अधिकार के लिए एकजुट होने का संकल्प लिया। इस मौके पर रवि उरांव, निकोलस मुंडा, रोज खाखा, सुनील उरांव, अनुप कुजूर, चुमनू उरांव, खुदी भगत दुखी सहित काफी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग मौजूद थे।

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