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गुमला में डायन बिसाही के आरोप में प्रताड़ित परिवार की होगी घर वापसी

पूर्व आईजी डॉ अरुण उरांव की पहल रंग लायी। असनी तेतरटोली गांव में डायन-बिसाही के आरोप में गांव से निर्वासित परिवार की अब ससम्मान घर वापसी होगी। इतना ही नहीं अब इस गांव को आदर्श बनाने की पहल की जायेगी।...

गुमला में डायन बिसाही के आरोप में प्रताड़ित परिवार की होगी घर वापसी
हिन्दुस्तान टीम,गुमलाSat, 10 Jun 2017 02:24 AM
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पूर्व आईजी डॉ अरुण उरांव की पहल रंग लायी। असनी तेतरटोली गांव में डायन-बिसाही के आरोप में गांव से निर्वासित परिवार की अब ससम्मान घर वापसी होगी। इतना ही नहीं अब इस गांव को आदर्श बनाने की पहल की जायेगी। इससे पहले शुक्रवार को गांव पहुंचकर डॉ उरांव ने ग्रामीणों के साथ बैठक की। करीब चार दिन पूर्व असनी तेतरटोली गांव में अंधविश्वास में फंसे ग्रामीणों ने एक परिवार को डायन-बिसाही के आरोप में बंधक बना लिया था और पुलिस की मौजूदगी में परिवार के दो सदस्यों को ग्रामीणों द्वारा मार डालने का प्रयास किया गया। बचाव करने पर ग्रामीणों ने पुलिस बल पर हमला कर एक एएसआई समेत 11 पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया था। इस घटना के बाद से ही गांव में तनाव का माहौल है। उधर आज पूर्व आईजी के दौरे के बाद गांव में मुखिया अनिल कुजूर के अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में ग्रामीणों ने एक स्वर में खारिज कर दिया कि डायन-बिसाही को लेकर यह घटना हुई है। हालांकि उन्होंने माना कि पुलिस पर पथराव करना गलत है। ग्रामीणों ने बताया कि एकदम मामूली घटना हुई थी, लेकिन संवादहीनता और उत्तेजना की वजह से असनी की बदनामी हो गयी। वहीं डॉ उरांव ने कहा कि गुमला की राज्य में पढ़े-लिखे जिले के रूप में पहचान है। कार्तिक उरांव जैसे महान व्यक्ति के वंशज हैं। डायन-बिसाही,ओझा मति,अज्ञानता की निशानी है। ग्रामीण भगत के चक्कर में ना पड़ें। पुरानी स्वशासन व्यवस्था ग्राम सभा को मजबूत करें। मौके पर उन्होंने ग्रामीणों को विवाद न करने की शपथ दिलायी।

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