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शहर के सबसे पुराना छठ घाट खो रहा अपना अस्तित्व

गुमला में सिसई रोड छठ तालाब में व्रती प्रदूषित जल से अर्घ्य देने को होंगे विवशगुमला में सिसई रोड छठ तालाब में व्रती प्रदूषित जल से अर्घ्य देने को होंगे विवशगुमला में सिसई रोड छठ तालाब में व्रती...



शहर के सबसे पुराना छठ घाट खो रहा अपना अस्तित्व
हिन्दुस्तान टीम,गुमलाSat, 07 Nov 2020 03:00 AM
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लोक आस्था का चार दिनी महापर्व छठ पूजा महोत्सव में महज कुछ ही दिन शेष रह गए है। बावजूद इसके जिले छठ घाटो की अब तक साफ सफाई शुरू नही हो सकी है। जिला मुख्यालय के सिसई रोड तालाब यहां का सबसे पुराना छठ घाट है। तालाब में कचरे की भरमार है,वही पानी गहरे हरे रंग को हो गया है। इतना ही पानी से दुर्गंध भी आ रही है। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि गुमला के सबसे पुराने छठ घाट की दुर्दशा क्या हो गई है। लंबे समय से सिसई रोड छठ तालाब को बेहतर बनाने की बात प्रशासनिक महकमे होती रही है,मगर नतीजा ढाक के तीन पात रहे। छठ पूजा के समय इसके दुर्दशा पर गुमला वासियों का ध्यान जाता है। और छठ पूजा संपन्न होते ही यहां लोग सिसई रोड को भूल जाते हैं। वहीं छठ पूजा से पूर्व तालाब में कुछ बोरे ब्लीचिंग और कुछ बोरे चुना डाल कर नगर परिषद और जिला प्रशासन साफ-सफाई करने का खाना पूर्ति कर लेता है। इस बार भी कुछ ऐसा ही होगा,तो यह हैरानी की कोई बात नही होगी। सिसई रोड तालाब की स्थिति देखने से एक बात तो साफ है कि इस बार भी यहां छठ पूजा के दौरान व्रत करने वाले छठव्रती प्रदूषित जल से ही भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने और अनुष्ठान करने को विवश होंगे। हालांकि स्थानीय युवा और श्रद्धालु अपने स्तर से भी छठ घाट की साफ सफाई करते हैं। लेकिन सिसई रोड छठ तालाब अपना अस्तित्व खोता जा रहा है। कई बड़े नाले इसमें में गिराये हैं,जो जिससे इसके पानी के ठीक करना फिलहाल प्रशासन के बूते की बात नही है।

नागफेनी स्थित कोयल नदी प्रमुख छठ घाट के रूप में उभरा

आदिवासी बहुल गुमला में भी अब छठ पूजा महोत्सव बड़े पैमाने पर आयोजित होने लगी है।आज कुछ वर्ष पूर्व तक जिला मुख्यालय के सिसई रोड छठ तालाब में चंद परिवार ही छठ पूजा करते थे,लेकिन पिछले कुछेक वर्षों के दौरान यहां छठ पूजा करने वाले श्रदद्धालुओं की संख्या बड़ी तेजी से बड़ी है। वहीं सिसई रोड तालाब के पानी प्रदूषित होने के कारण जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर सिसई प्रखंड क्षेत्र के नागफेनी में बहने वाली कोयल नदी प्रमुख छठ घाट के रूप में उभर कर सामने आई है। गुमला शहर के बड़ी संख्या में छठव्रती यहां पहुंते हैं।

नप पूरी तरह सुस्त है: शैल मिश्रा

वार्ड पार्षद शैल मिश्रा ने कहा कि दशहरा बीतते ही श्रद्धालु छठ पूजा की तैयारी में लग जाते हैं। यह हिंदुओं का पवित्र त्योहार में से एक है,परंतु हर वर्ष के भांति इस वर्ष भी छठ तलाब की सफाई अब तक नहीं हो पाई है। नगर परिषद पूरी तरह सुस्त है। सफाई में इनका कोई ध्यान नहीं है। हर वर्ष गंदी पानी में ही छठव्रती छठ करने में विवश होना पड़ता है।

अभी से ही छठ घाटों की सफाई होने की जरूरत: रमेश

समाजसेवी रमेश कुमार चीनी ने कहा कि छठव्रती माताएं 36 घंटे के निर्जला उपवास रखकर छठ पूजा करती हैं। यह पूजा शुद्धता से जुड़ा आस्था का पर्व है। दशहरा के दौरान भी शहर में लोगो को गन्दगी देखने को मिली। नगर परिषद को अभी से ही छठ घाटों की सफाई करनी चाहिए। वे प्रत्येक वर्ष अपने से ब्लीचिंग पाउडर,चुना व सफाई कर्मी लगा कर घाटों की सफाई कराते हैं। उन्होने नगर परिषद से अपील करते हुए कि अभी से ही सफाई पर ध्यान दे, पर्व से पहले पानी पूरी तरह साफ हो जाये।

सफाई के नाम पर खानापूर्ति न करें: बबलू

बबलू वर्मा ने कहा कि छठ घाटों की सफाई में गुमला हमेशा पीछे रहता है। सफाई के नाम पर खानापूर्ति होती है। अभी 15 दिनों का समय है,यदि अभी से सफाई पर ध्यान दिया जाये तो नगर परिषद को आसानी होगी। अंतिम समय में सफाई कर्मी की कमी को दिखाते हुए नप अपना पल्ला झाड़ लेता है और खामियाजा श्रद्धालुओं को झेलना पड़ता है। पानी की सफाई नही होने के कारण यहां से छठ व्रती माताओं को 12 किमी दूर नागफेनी कोयल नदी जाने पर विवश होना पड़ता है।

सफाई नही होने के लिए जिला प्रशासन जिम्मेवार: उपेंद्र

कारोबारी उपेंद्र साहू ने कहा कि दीवाली के छह दिन बाद छठ आता है।और पानी अभी से ही हरा दिख रहा है। ब्लीचिंग पाडडर और चूना अभी डाला जाये, तो पानी साफ होगी। छठ घाटों की साफ-सफाई सही तरीके से नही के लिए उन्होने जिम्मेवार जिला प्रशासन ठहराया।अगर सही तरीके से मॉनिटरिंग कर सफाई कराएंगे, तो समय तक पानी साफ हो जाएगा।

डीसी छठ घाटों की सफाई को लेकर बैठक बुलायें: मिशिर

मिशिर कुजूर ने कहा कि सफाई को लेकर हर बार खींच तान होती है। नगर परिषद के अधिकारी सिर्फ सफाई के नाम पर कोरम पूरा करते हैं। छठ पूजा बहुत बड़ा पर्व है, और यह पर्व सफाई पर होता है। इसलिए उन्होंने जिले के डीसी से मांग करते हुए कि अपने नेतृत्व में सभी छठ घाटों की सफाई करवायें, इसके अलावे प्रखंडो के बीडीओ को निर्देश दे कि वे भी अपने-अपने प्रखंडो के छठ घाटों की सफाई करवाएं। इसके लिए अलग से एक बैठक भी बुलाएं।

सभी घाटों की होगी अच्छे से सफाई: कार्यपालक पदाधिकारी

गुमला नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी हातिम ताई राई ने बताया कि शहर में छठ घाटों के साफ-सफाई के लिए नगर परिषद के सफाई कर्मियों को लगाया गया है। कुछे घाटों पर सफाई कार्य शुरू कर दिया गया है। उन्होने दावा करते हुए कहा कि पूजा से पूर्व जिला मुख्यालय के सभी छठ घाटों की अच्छे साफ-सफाई कर दी जायेगी। जिससे किसी भी श्रद्धालु या व्रती को परेशानी नही होगी।

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