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गुमला सदर अस्पताल: डेढ़ वर्षों से अल्ट्रा साउंड की व्यवस्था ठप

प्रतिमाह औसतन करीबन पांच लाख रूपये मुख्यालय के दो निजी अल्ट्रा सांउड सेंटर को हो रहा भुगतान,पर 12-15 लाख नई मशीन खरीदना नही समझा...

गुमला सदर अस्पताल: डेढ़ वर्षों से अल्ट्रा साउंड की व्यवस्था ठप
हिन्दुस्तान टीम,गुमलाFri, 25 May 2018 11:42 PM
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सदर अस्पताल गुमला में पिछले करीबन डेढ़ वर्षो से अल्ट्रा साउंड की व्यवस्था पूरी तरह ठप है। ऐसा नहीं कि मरीजों को हो रही परेशानी को लेकर यहां लोगों ने आवाज नहीं उठाया। बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन आखिर किस लाईलाज रोग से ग्रसित है कि प्रतिमाह औसतन करीबन पांच लाख रुपये मुख्यालय के दो निजी अल्ट्रा सांउड सेंटर को भुगतान दे रहा है, परंतु 12-15 लाख की नयी मशीन खरीदना मुनासिब नहीं समझ रहा है।

यहां इलाजरत करीब 20-25 गर्भवती महिलाओं का हर दिन बेला और यशोदा सेंटर से अल्ट्रासांउड होता है और अस्पताल प्रबंधन इसके एवज में प्रति मरीज 450 रुपये का भुगतान भी करता है। यहां दुहरा राजस्व का नुकसान है, क्योंकि अस्पताल में होने वाले अल्ट्रा साउंड के लिए प्रबंधन 250 रुपये लेती थी, अब मरीजों से वह भी नहीं मिलता है। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व सदर अस्पताल में मरीजों को अल्ट्रा सांउड की व्यवस्था मिलती थी। एक वर्ष पहले यहां पदास्थापित रेडियोलॉजिस्ट डा.अमर कुमार मिश्रा का स्थानातंरण खूंटी कर दिया गया। छह माह पहले डा.कुमार राजू को यहां पदास्थापित किया गया,लेकिन योगदान के बाद से वे यहां नहीं है। पिछले दिनों राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में अल्ट्रा सांउड की देखभाल व मरम्मती करने वाली मेडिसीटी नामक कंपनी ने मार्च में यहां के अल्ट्रा सांउड को यह कहकर रिजेक्ट कर दिया कि इसकी मरम्मत नहीं हो सकती। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने सरकारी सदर अस्पताल में इलाजरत्त गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रा सांउड के लिए स्थानीय स्तर पर बेला और यशोदा अल्ट्रा सांउड से एएमयू कर लाखों के भुगतान के सहारे अल्ट्रा सांउड करा रही है। दूसरी ओर लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि हर महीने लाखों के लोकधन के नुकसान के बावजूद अस्पताल प्रबंधन कोई सार्थक पहल क्यों नहीं कर रहा है।

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