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रायडीह के सिलम में महर्षि वाल्मीकि जयंती पर कार्यक्रम

महर्षि वाल्मीकि का जीवन हमें बुराई का त्याग कर अच्छाई की राह पर चलने की राह दिखाता है: खुशमन महर्षि वाल्मीकि का जीवन हमें बुराई का त्याग कर अच्छाई...

रायडीह के सिलम में महर्षि वाल्मीकि जयंती पर कार्यक्रम
हिन्दुस्तान टीम,गुमलाFri, 22 Oct 2021 03:01 AM
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रायडीह प्रतिनिधि

भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष खुशमन नायक के नेतृत्व में रायडीह प्रखंड के सिलम गांव में महर्षि वाल्मीकि जयंती धूमधाम से मनाया गया। मौके पर जिला अध्यक्ष खुशमन नायक ने कहा कि कवि महर्षि वाल्मीकि का जन्म त्रेतायुग में हुआ था। उनके द्वारा विश्व का सबसे बड़ा धर्मग्रंथ रामायण की रचना की गई है। पौराणिक कथा के अनुसार श्रीराम के परित्याग के बाद मां सीता को अपने आश्रम में पनाह देकर उनकी रक्षा की थी। और देवी सीता के दोनों पुत्र लव और कुश को ज्ञान प्रदान किया था। श्री नायक ने यह भी कहा कि महर्षि वाल्मीकि का बचपन का नाम रत्नाकर था। उस समय वे बहुत बड़े डाकू के रूप में जाने जाते थे,लेकिन बाद में राम भक्त बने और कड़ी तपस्या कर महर्षि व संस्कृत भाषा के आदि कवि बन गए। बाल्मीकि जी का जीवन बुरे कर्मों को त्यागकर अच्छे कर्म व भक्ति की राह पर चलने की राह दिखता है। इस संदेश को हर व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए ही वाल्मीकि जयंती मनायी जाती है। मौके पर जिला उपाध्यक्ष शकुन्तला देवी,महामंत्री गौतम नायक,कोषाध्यक्ष मुकेश नायक,आइटी सेल प्रभारी शक्ति नायक,सोशल मीडिया प्रभारी मन्तु नायक,जीतु नायक,अनिमा देवी,सुभद्रा देवी,देवमुनी देवी सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।

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