मनरेगा को नई दिशा देने की पहल
गुमला के रायडीह प्रखंड में एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन पर कार्यशाला आयोजित हुई। इसका उद्देश्य जल संकट को कम करना और मनरेगा के माध्यम से रोजगार बढ़ाना था। कार्यशाला में जल संचय, मिट्टी प्रबंधन और...

गुमला, संवाददाता। रायडीह प्रखंड स्थित सभागार में शुक्रवार को एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के मुखिया, पंचायत सचिव, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, रोजगार सेवक समेत कई प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जल संकट को कम करना और मनरेगा के माध्यम से आजीविका सृजन को बढ़ावा देना था। प्रखंड के अधिकतर किसान धान की खेती पर निर्भर हैं। फसल कटने के बाद रोजगार की कमी के कारण उन्हें मजदूरी के लिए पलायन करना पड़ता है। कार्यशाला में मनरेगा के कार्यों को दिशा देने और प्रखंड को मॉडल प्रखंड बनाने पर जोर दिया गया। कार्यशाला में मिट्टी प्रबंधन,जल संचय संरचनाएं (कुआं, डोभा, तालाब), फलदार बागवानी, और जल पुनर्भरण के उपाय जैसे टीसीबी व 30x40 मॉडल को लागू करने की योजना बनाई गई। मनरेगा बीपीओ आराधना ने बिरसा हरित ग्राम योजना और कूप सिंचाई योजना की जानकारी दी। ऐक्सिस बैंक फाउंडेशन द्वारा प्रायोजित इस प्रोजेक्ट सफलता के तहत प्रति गांव 60-100 हेक्टेयर प्लान बनाकर 2028 तक किसानों की आय दो लाख रुपये तक करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदान संस्था के एग्जीक्यूटिव मिथुन ने प्रशिक्षण देते हुए इन योजनाओं के क्रियान्वयन पर प्रकाश डाला। कार्यशाला के जरिए सरकार,पंचायत और गैर-सरकारी संस्थाओं के समन्वय से प्रखंड में जल संरक्षण और रोजगार सृजन के नए आयाम स्थापित करने का प्रयास किया गया।
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