गुमला को रेलवे से जोड़ने का 75 साल पुराना सपना अब भी अधूरा
गुमला जिले को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की मांग आजादी के बाद से हो रही है। यह मांग 75 साल पुरानी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सांसद सुखदेव भगत ने इस मुद्दे को लोकसभा में उठाया था,...

गुमला। जिले को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की मांग आजादी के बाद से ही होती रही है। लगभग 75 साल पुरानी इस मांग को लेकर कई बार सर्वे हुए, लेकिन हर बार नतीजा शून्य ही रहा। गुमला से कोरबा के बीच नई रेलवे लाइन बिछाने का प्रस्ताव क्षेत्र के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन अब तक यह सपना हकीकत नहीं बन सका।चुनाव के समय यह मुद्दा अक्सर जनप्रतिनिधियों द्वारा वोट मांगने का साधन बनता है,लेकिन चुनाव खत्म होते ही इस पर चर्चा भी बंद हो जाती है। वर्ष 2024 में लोहरदगा संसदीय क्षेत्र के सांसद सुखदेव भगत ने लोकसभा में इस मामले को उठाकर उम्मीद जरूर जगाई थी, लेकिन जुलाई में चर्चा के बाद भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।रेलवे नेटवर्क से जुड़ाव न होने के कारण गुमला क्षेत्र आर्थिक और सामाजिक विकास की दौड़ में पीछे छूटता जा रहा है। यहां के लोग उद्योगों, व्यापार, और रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं। रेलवे सुविधा की कमी से स्थानीय उत्पाद बाजार तक नहीं पहुंच पाते, जिससे आर्थिक संभावनाएं सीमित हो जाती हैं। गुमला के नागरिकों का कहना है कि यदि रेलवे परियोजना को जल्द मंजूरी मिले, तो यह क्षेत्र विकास की नई ऊंचाइयों को छू सकता है। अब देखना यह है कि जनप्रतिनिधि और सरकार इस मुद्दे पर कब तक ठोस कदम उठाती है या यह सपना फिर से अधूरा ही रह जाएगा।
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