गुमला में निकली विशाल जुलूस-ए-मोहम्मदी ,नात और तकरीर से गूंजा जिला मुख्यालय
गुमला में जश्ने आमदे रसूल के मौके पर भव्य जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। इस दौरान लोगों ने इस्लामिक झंडे लहराए और पैगंबर मोहम्मद साहब के जीवन पर प्रकाश डाला। जुलूस में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की...

गुमला प्रतिनिधि। जिला मुख्यालय शुक्रवार को जश्ने आमदे रसूल की रोशनी में सराबोर रहा। मौके पर अंजुमन इस्लामियां की अगुवाई में भव्य जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। जश्ने आमदे रसूल अल्लाह ही अल्लाह, बीबी आमना के फूल अल्लाह ही अल्लाह जैसी नातों से पूरा शहर गूंज उठा। पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का 15वां सौ साला यौमे पैदाइश बड़े ही श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया।जुलूस से पहले अहले सुन्नत समुदाय के अकीदतमंदों ने अपने-अपने घरों में फातिहाख्वानी की। इसके बाद विभिन्न मुहल्लों व कमेटियों के लोग कतारबद्ध होकर सुसज्जित अंदाज में जुलूस में शामिल हुए। इसमें छोटे-छोटे बच्चों से लेकर युवाओं और बुजुर्गों तक की बड़ी संख्या मौजूद रही।
रास्ते में जगह-जगह लोगों ने जुलूस में शामिल अकीदतमंदों का फूल-मालाओं, शरबत, फल और मिठाइयों से स्वागत किया।टावर चौक के समीप बज्मे रब्बानी ट्रस्ट द्वारा लगाया गया स्टॉल सबसे आकर्षक रहा। इसी तरह गोल्डन क्लब, फाइट क्लब, इस्लामिक यंगस्टर ग्रुप, ड्राइवर कमेटी और मिल्लत कॉलोनी सहित कई संगठनों ने अपने-अपने स्टॉल लगाकर जुलूस में आने वालों की सेवा की। जुलूस में बच्चे हाथों में इस्लामिक झंडा और कुरान-हदीस लिखी तख्तियां लेकर चल रहे थे। खासकर, बज्मे रब्बानी ट्रस्ट के बैनर तले निकला जुलूस मनमोहक था। ट्रस्ट द्वारा सजाई गई बच्चों की साइकिलें सबका ध्यान खींच रही थीं।न्यू नवजवान कमेटी, मदरसा असदकिया गरीब नवाज अरमई शरीफ, दावत-ए-इस्लामी और गौस नगर समेत कई मोहल्लों के लोगों ने भी जुलूस निकाला। इस दौरान मदरसा फैज-ए-आम के हेड मौलवी हाजी राशिदुल कादरी ने तकरीर पेश की। उन्होंने कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब के आने से पहले समाज में बुराइयां और जुल्म हावी थे। महिलाओं और बच्चों के अधिकारों का हनन होता था, लेकिन रसूल-ए-पाक ने इस्लाम का पैगाम देकर इंसानियत को बुराई से अच्छाई की ओर मोड़ा। इसी का असर है कि आज दुनिया के बड़े हिस्से में इस्लाम को मानने वालों की तादाद तेजी से बढ़ी है। जुलूस-ए-मोहम्मदी मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से होते हुए थाना रोड, टावर चौक, सिसई रोड, पटेल चौक और लोहरदगा रोड से गुजरा। अंत में जुलूस जामा मस्जिद के पास पहुंचा जहां इमाम मौलाना ईनाम रब्बानी ने सलातो-सलाम और सामूहिक दुआ कराई। इसी के साथ जुलूस का समापन हुआ।मौके पर अंजुमन इस्लामिया के सदर मो. मोसाहिद आजमी, सचिव मकसूद आलम, मो. लड्डन, पूर्व सचिव मो. खुर्शीद आलम, मो. मिन्हाज, मो. मोख्तार, आफताब अंजुम, अमीर रब्बानी, रागिब रब्बानी, राजा कुरैशी, मो. पप्पू, मो. बंटी, मो. बबलू, सैयद खालिद, अकील रहमान, मो. फिरोज आलम समेत कई धर्मगुरु और गणमान्य लोग मौजूद थे। चैनपुर में जुलूस-ए-मोहम्मदी में मांगी अमन-चैन की दुआ चैनपुर। शुक्रवार को चैनपुर के रजा मस्जिद से ईद-ए-मिलादुन्नबी पर भव्य जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। जुलूस रजा मस्जिद से शुरू होकर ब्लॉक चौक, चर्च रोड, अल्बर्ट एक्का चौक, बस स्टैंड, मेन रोड, थाना रोड होते हुए पुनः रजा मस्जिद पहुंचकर समाप्त हुआ। जुलूस में सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग बच्चों संग शामिल हुए। लोग इस्लामिक झंडे और तिरंगे लहराते हुए नारे बुलंद कर रहे थे।रजा मस्जिद के समीप अमन-चैन की सामूहिक दुआ की गई। मौके पर सदर सह झामुमो जिला संयुक्त सचिव शकील खान ने कहा कि हजरत मोहम्मद साहब ने दुनिया को अमन और शांति का पैगाम दिया है। वहीं मो. हसमद रजा कादरी ने भी पैगाम दिया। कार्यक्रम के दौरान पुलिस बल चाक-चौबंद रही। इस अवसर पर मोहम्मद जहीरूद्दीन, आसिफ खान, नसरुद्दीन खान, महताब खान, फरीद खान समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। रायडीह में मरीजों के बीच फल और ब्रेड का वितरण रायडीह। ईद-ए-मिलादुन्नबी के मौके पर शुक्रवार को अंजुमन इस्लामिया कमिटी नवागढ़ पतराटोली की अगुवाई में भव्य जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। जुलूस मस्जिद परिसर से शुरू होकर नेशनल हाईवे 43,प्रखंड मुख्यालय, शहीद बख्तर साय मुण्डल सिंह चौक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, ईदगाह मोहल्ला, नवागढ़ बाजारडांर होते हुए वन विभाग मुस्लिम कब्रिस्तान तक पहुंचा और पुनः मस्जिद परिसर में समाप्त हुआ। यहां इमाम इशराफिल ने सलाम पेश कर फातिहा खानी की और अमन-खुशहाली की दुआ मांगी।शाम को आयोजित कार्यक्रम में बच्चों ने नात पेश किए और पैगंबर मोहम्मद साहब की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके बताए नेक रास्तों पर चलने की अपील की गई। मौके पर अंजुमन इस्लामियां कमेटी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायडीह में भर्ती मरीजों के बीच फल और ब्रेड का वितरण भी किया। मौके पर हाफिज जहिरुद्दीन हबीबी, तस्लीम खान, अशरफ राय, गुलाम सरवर, आफताब आलम समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। भरनो प्रखंड में धूमधाम से निकाला गया जुलूस-ए-मोहम्मदी भरनो। प्रखंड के मुस्लिम बहुल गांवों परसा, मलगो, पबेया, पहाड़केसा, लौंगा, डोम्बा और रायकेरा में शुक्रवार को ईद-ए-मिलादुन्नबी के अवसर पर जुलूस-ए-मोहम्मदी अकीदतमंदी और उत्साह के साथ निकाला गया। जुलूस के दौरान रसूल की आमद मरहबा, पत्ता-पत्ता फूल-फूल या रसूल के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। कई गांवों में जुम्मे की नमाज के बाद जुलूस निकाला गया।जुलूस से पहले तमाम मस्जिदों में कुरानखानी और फतेहाखानी का आयोजन हुआ। जहां हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के नाम पर अमन-चैन, खुशहाली और मुल्क की तरक्की के लिए दुआ की गई। भरनो के जामा मस्जिद में फतेहाखानी के बाद मौलाना इमाम हुसैन ने कहा कि यह पर्व हमारे नबी की पैदाइश और वफ़ात की याद में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि उनकी शिक्षाओं और नक्से-कदम पर चलकर ही दुनिया और आखिरत दोनों में कामयाबी पाई जा सकती है। जुलूस और फतेहाखानी को सफल बनाने में विभिन्न गांवों के सदर, सेक्रेटरी और अंजुमन के सदस्यों ने अहम भूमिका निभाई। जारी में ईद मिलादुन्नबी जुलूस को लेकर अलर्ट रही पुलिस जारी। प्रखंड क्षेत्र के गोबिंदपुर, कमलपुर, तिगरा, जरडा, परसा और सीकरी गांवों में शुक्रवार को ईद मिलादुन्नबी का जुलूस बड़े ही धूमधाम और अकीदतमंदी के साथ निकाला गया। जुलूस की शुरुआत गोविंदपुर जामा मस्जिद से सलातो-सलाम के साथ हुई। इस दौरान अकीदतमंदों ने हाथों में इस्लामिक झंडा लेकर नारे लगाए तकबीर अल्लाहु अकबर, सरकार की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा। छोटी बच्चियों ने बुर्का पहनकर नात पेश की। इमाम निजामुद्दीन कादरी और नौशाद आलम फैजी ने दरूद पाक पेश किया। सुरक्षा की दृष्टि से थाना प्रभारी आदित्य कुमार पुलिस बल के साथ मौजूद रहे, जबकि मजिस्ट्रेट विकास कुमार की तैनाती की गई थी। जुलूस गोविंदपुर कब्रिस्तान तक संपन्न हुआ। मौके पर अंजुमन इस्लामिया कमेटी के पदाधिकारी व कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। कामडारा में उत्साहपूर्वक मनाया गया ईद ए मिलादुन्नबी कामडारा। पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब के जन्मदिन पर मनाया जाने वाला ईद ए मिलादुन्नबी का पर्व कामडारा में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। गुरुवार की संध्या मदरसा परिसर में मिलादुन्नबी कार्यक्रम हुआ, वहीं शुक्रवार सुबह जुलूस-ए-मुहम्मदी निकाली गई। नवनुरी मस्जिद के मौलाना रूहुल्लाह रिजवी ने कहा कि 12 रबीउल अव्वल 570 हिजरी को पैगंबर साहब का जन्म हुआ था, वे पूरी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए थे। उनके बताए रास्ते पर चलना जरूरी है। इस दौरान नात शरीफ, सलातो सलाम और फातिहाखानी का आयोजन किया गया। जुलूस के दौरान “हुजूर की आमद मरहबा” समेत इस्लामिक नारे गूंजते रहे। मौके पर अंजुमन इस्लामिया कमिटी और नौजवान कमिटी के सदस्यगण सहित बड़ी संख्या में अकीदतमंद मौजूद रहे।
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