पीएलएफआई के प्रभाव वाले गांव विकास से कोसों दूर
बसिया अनुमंडल मुख्यालय से लगभग 35 किमी दूर बसिया-भरनो के सिमाना पर स्थित बनई पंचायत के द्वारसैनी, बोंडेकरा बरटोली, महादेवटोली आदि गांव आज भी विकास से कोसों दूर...
बसिया अनुमंडल मुख्यालय से लगभग 35 किमी दूर बसिया-भरनो के सिमाना पर स्थित बनई पंचायत के द्वारसैनी, बोंडेकरा बरटोली, महादेवटोली आदि गांव आज भी विकास से कोसों दूर हैं। इन क्षेत्रों में कई वर्षों से पीएलएफआई उग्रवादियों का प्रभाव रहा है।जहां सरकारी सुविधाओं का अभाव है।
द्वारसैनी की बात करें तो सड़क तो बन रही है,बिजली भी पहुंच चुकी है। एक सरकारी स्कूल है जहां छात्र तो हैं, पर एक भी सरकारी शिक्षक नही हैं। दो पारा शिक्षकों के भरोसे उत्क्रमित मिडिल स्कूल संचालित है।अभी गांव तक पक्की सड़क तो बनाई जा रही है,पर गांव में पीसीसी पथ तक नहीं है। बरसात के दिनों में बजबजाती गालियां यहां की पहचान है। यही नहीं यहां पेयजल की भारी समस्या है। तीन चापानल हैं, जो महीनों से खराब हैं। लोग एक कुआं से अपनी प्यास बुझाते है।हालांकि गांव में तीन कुआं हैं। पर वहां के पानी पीने योग्य नहीं है। यहां के लोग अपनी जरूरतों के लिए जंगली फल फूल का उपयोग करते है। साथ ही मनरेगा भी कुछ हद तक सहायक सिद्ध हो रहा है।यहां की आबादी लगभग 150 हैं। इसी तरह बोंडेकेरा बरटोली व महादेवटोली टोली में भी पेयजल का संकट है। बरटोली में दो चापानल हैं। जो बीते छह सात माह से खराब पड़े हैं। लोग पेयजल के लिए एक कुएं का पानी का उपयोग करते हैं। गांव तक जाने के लिए कच्ची सड़क तो है, पर गांव में पीसीसी पथ तक नहीं।