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भरनो में शांति पूर्ण तरीके से मनाई गई ईद उल अजहा

बकरीद त्याग और बलिदान का पर्व है:मौलाना हुसैन बकरीद त्याग और बलिदान का पर्व है:मौलाना हुसैन बकरीद त्याग और बलिदान का पर्व है:मौलाना हुसैन बकरीद त्याग और बलिदान का पर्व है:मौलाना...

भरनो में शांति पूर्ण तरीके से मनाई गई ईद उल अजहा
हिन्दुस्तान टीम,गुमलाSun, 02 Aug 2020 03:06 AM
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भरनो प्रखंड में ईद उल अजहा का पर्व शांति पूर्ण और कोरोना महामारी को लेकर लॉक डाउन के कारण बहुत ही सादगी से मनाया गया। मस्जिदों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मोकरर समय के अनुसार ईद उल अजहा की बिशेष नमाज अदा की गई।भरनो जमा मस्जिद के इमाम मौलाना हुसैन ने नमाज के दौरान अपनी तक़रीर में बताया कि यह पर्व त्याग और बलिदान का पर्व है। इब्राहिम अलै सलाम ने खुदा के राह में अपने बेटे इस्माइल अलै सलाम को कुर्बान कर दिया था,ये अदा खुदावन कुद्दुस को बहुत पसंद आई और इस्माइल की जगह एक दुम्बबा कि कुर्बानी हो गई।इन्ही की याद में ईदुल अजहा के मौके पर कुर्बानी दी जाती है।उन्होंने यह भी कहा कुर्बानी के लिए खरीदे गए खस्सी या बकरे को इतना दिन पहले खरिद कर रखनी चाहिए कि वो जानवर कुर्बानी के दिन तक बहुत अजीज हो जाये और कुर्बानी करते वक्त दिल से खुद ये लगना चाहिए कि कोई प्यारा चीज हम खुदा के राह में पेश कर रहे हैं, क्योंकि खुदा के यहां न तो बकरे का मांस पहुंचता है और न ही खून सिर्फ ये देखा जाता है कि बंदा खुदा पर कितना समर्पित है।नमाज के बाद सभी मुस्लिम धर्मावलंबी एक दूसरे को दूर से ही बकरीद की मुबारक दिए और अपने अपने घरों में जाकर बकरे की कुर्बानी दी।और लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठाया। मौके पर अंजुमन इस्लामिया भरनो के सदर मोहम्मद खलील,नूर अहसान,मिन्हाज अख्तर,बंटी आलम,मुस्ताक आलम,नाफिश आलम आदि उपस्थित थे।

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