बाजार से गायब हो गये क्रिसमस और नववर्ष के ग्रिटिंग्स कार्ड
क्रिसमस और नववर्ष की शुभकामनाओं के लिए ग्रिटिंग कार्ड का प्रचलन अब खत्म होता जा रहा है। तकनीक के विकास के कारण लोग अब व्हाट्सएप और अन्य डिजिटल माध्यमों से बधाई भेजते हैं। पहले लोग ग्रिटिंग कार्ड...

कामडारा, प्रतिनिधि। क्रिसमस पर्व के पूर्व से लेकर नववर्ष के आगमन तक में एक दौर में ग्रिटिंग्स कार्ड दुकान व बाजारों में छाये रहते थे। ग्रिटिंग कार्ड द्वारा क्रिसमस व नववर्ष की बधाई व शुभकामनाएं देने की पंरपंरा थी, परन्तु बदलते परिवेश में तेजी से आधुनिकता के इस दौर में तकनीक संचार व्यवस्था तेजी से फैलने के बाद अब लोग ग्रिटिंक्स कार्ड को पुरी तरह से भूल चुके हैं। नव वर्ष की आगमन को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जाता था। एक जमाना था जब लोग नव वर्ष में अपने मित्र मंडली,रिश्तेदार को नव वर्ष पर ग्रिटिंग कार्ड भेज कर नव वर्ष की शुभकामनाएं व बधाई देते थे। उस समय ग्रिटिंग कार्ड का महत्व काफी था ग्रिटिंग कार्ड की दुकानें सजती थी पांच रूपये से लेकर एक सौ रूपये तक का ग्रिटिंग कार्ड लोग शौक से खरीदते थे। वक्त बदला अब संचार व्यवस्था की सुविधा हो गई। अब मोबाइल का जमाना आ गया शाम ढ़लते ही नव वर्ष की शुभकामनाएं व हैप्पी न्यू इयर का व्हाट्सएप पर आदान-प्रदान शुरू हो जाता है।इस बाबत ग्रिटिंग कार्ड का महत्व के बारे जानकारी देते हुए गांव के शल्य कुमार साहू, अजीत गुड़िया, कालिका पाण्डेय ,इन्द्रदेव साहु , बसंत साहु ने कहा कि नव वर्ष में ग्रिटिंग कार्ड का काफी महत्व होता था। लोग ग्रिटिंग कार्ड खरीदने के लिए गांव से बाहर शहर भी जाया करते थे,और ग्रिटिंग कार्ड खरीदते थे और अपने सगे संबंधियों तथा मित्रों को कार्ड के माध्यम से बधाईयां देते थे।र ग्रिटिंक्स कार्ड की बधाई ही स्वीकार की जाती थी। पर ये पंरपंरा वर्षों पूर्व से अब गांव -शहरों से गायब हो गया।अब सब काम मोबाईल के व्हाटसप,इंस्ट्राग्राम,यूटूब मैसेंजर, ई-मेल, ट्वीटर के सहारे आसान हो गया है।
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