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डायन बिसाही को लेकर डुमरी में प्रखंडस्तरीय जनसुनवाई

डुमरी प्रखंड परिसर में ग्रामीण विकास विभाग और जेएसएलपीएस द्वारा डायन कुप्रथा मुक्त झारखंड अभियान के के तहत प्रखंड स्तरीय जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इससे पूर्व प्रखंड क्षेत्र में संचालित अभियान के...

डायन बिसाही को लेकर डुमरी में प्रखंडस्तरीय जनसुनवाई
हिन्दुस्तान टीम,गुमलाFri, 19 Jul 2019 12:16 AM
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डुमरी प्रखंड परिसर में ग्रामीण विकास विभाग और जेएसएलपीएस द्वारा डायन कुप्रथा मुक्त झारखंड अभियान के तहत प्रखंड स्तरीय जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इससे पूर्व प्रखंड क्षेत्र में संचालित अभियान के दौरान 22 गांव का सर्वे किया गया। जिसमें डायन बिसाही के 47 मामले सामने आये। जिसमे पहला मामला नटावल चारकटोली की है। गांव की एक गरीब महिला को तीन वर्षों से डायन करार दे कर कई बार मारपीट की गयी। महिला का पति विकलांग है। उसके पास विकलांगता प्रमाण पत्र नही है।प्रताडित महिला को समूह में भी शामिल नही किया जाता है और कोई सरकारी लाभ भी नही मिला है।वहीं दूसरा मामला जुरमु का है। पीडित महिला सरना परंपरा के मुताबिक पूजा करती है, तो गांव वाले उसे डायन कहने लगे। गांव वाले बैठक पांच सौ रुपये का जुर्माना भी वसूला। पीडिता ने माफी भी मांगी पर गांव के लोगों द्वारा उसके साथ मारपीट की। पीडिता विधवा है। बावजूद इसके किसी भी सरकारी लाभ नही मिलता है। तीसरी घटना नवहट्टा गांव की है।पीड़िता गांव के कुंए पर पानी भरने गई थी। कुंए पर गांव की दूसरी महिला भी पानी भर रही थी। कुछ दिन बाद उक्त महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गयी। इस कारण पीडिता को डाईन घोषित कर गांव वालों ने लाठी डंडा से उसकी पीटायी की। जब उसके पति ने बचाने का प्रयास किया ,तो उसे भी बुरी तरह से नंगा कर पीटा। गांव वाले समूह में जोड़ने के नाम पर 70 हजार रूपये मांगते है। इसे भी कोई सरकारी सुबिधा नही मिलती है। करीब एक पखवाड़े तक संचालित जागरूकता के दौरान ग्रामीण विकास विभाग और जेएसएलपीएस 22 गांवों में पहुंची। जिसमें डाईन बिसाही कर महिलाओं को प्रताडित करने 47 मामले सामने आये है। जिससे यह साफ है कि स्थानीय भाजपा सांसद सुदर्शन भगत और भाजपा विधायक शिवशंकर उरांव का गृह प्रखंड डुमरी डाईन बिसाही जैसे अंधविश्वास की समस्या से घनघोर तरीके से ग्रसित है। प्रखंड इससे ग्रसित है। मौके पर प्रमुख जीवन्ती एक्का, जिप सदस्य निर्मला कुजूर, जेएसएलपीएस के अरिंदम मिश्रा , नीलेश कुमार,डीपीएम मनीषा सांचा,मंसूर बख्त, बासिल बेक, अभिषेक मिश्रा सहित विभिन्न समूहों की सैकड़ों महिलाएं मौजूद थीं।

जेएसएलपीएस अपने प्रत्येक समूह में नियुक्त करेगा बदलाव दीदीजनसुनवाई में जेएसएलपीएस के प्रतिनिधि निलेश कुमार ने मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि डायन होता नही है। गांव वाले गरीब और कमजोर महिलाओं को डायन करार देकर उसे प्रताड़ित करते हैं। हमारा पहला काम है इससे पीडित लोगो को सुरक्षा देना।दूसरा सभी तरह की सरकारी सुविधा उपलब्ध कराना। वहीं जेएसएलपीएस के समूह महिलाओं ने एक नियम बनाया है।एक बार डायन बोलने पर माफी मांगना, दूसरी बार बोलने पर माफी और समूह द्वारा तय जुर्माना देना,तीसरी बोलने पर माफी जुर्माना और उसे ट्रेनिंग के लिए भेजा जायेगा। इसे प्रत्येक समूह में लागू करना है।फलस्वरूप प्रत्येक समूह को बदलाव दीदी को चिन्हित कर ट्रेनिंग देकर जागरूक कार्य मे लगाया जायेगा।

एसडीपीओ ने मॉब लिंचिंग को लेकर ग्रामीणों को किया जागरूकचैनपुर एसडीपीओ कुलदीप चौधरी ने जनसुनवाई में मॉबलिंचिंग के बारे ग्रामीणों को जागरूक किया। उन्होने कहा कि मॉबलिंचिंग का अर्थ है उग्र भीड़ द्वारा किसी को पीटा जाता है और वह मर जाता है। या उसकी इलाज के क्रम में मौत हो जाती है,तो मॉबलिंचिंग का मामला है।आदिवासी समाज मे शराब का उपयोग रीति रिवाज के अनुसार भी किया जाता है। उसके लिए कोई मना नही है पर रीति रिवाज के आड़ में कानून की ताक में रखकर काम नही किया जा सकता है। कोई गलती कर रहा है,तो उसे पकड़ कर रखे।और थाना को जानकारी दे। ग्रामीण कानून को हाथ में ना ले और इसे बचे।

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