ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंड गुमलातीन मासूम बच्चों के बहने की घटना से सुर्खियों में आया बाघमुंडा

तीन मासूम बच्चों के बहने की घटना से सुर्खियों में आया बाघमुंडा

सरकार और प्रशासन की उपेक्षा का शिकार रहा है यह पर्यटक स्थलसरकार और प्रशासन की उपेक्षा का शिकार रहा है यह पर्यटक स्थलसरकार और प्रशासन की उपेक्षा का शिकार रहा है यह पर्यटक स्थलसरकार और प्रशासन की...

तीन मासूम बच्चों के बहने की घटना से सुर्खियों में आया बाघमुंडा
हिन्दुस्तान टीम,गुमलाSun, 01 Nov 2020 11:40 PM
ऐप पर पढ़ें

गुमला जिले का प्रसिद्ध बाघमुंडा पर्यटक स्थल जहां सालों भर सैलानियों का आवागमन होते रहता है, पर यह पर्यटक स्थल प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार होता रहा है । यहां की प्राकृतिक छटा और मनोरम दृश्य सैलानियों को बरबस अपनी ओर खींच लाती है, पर सरकार और प्रशासन की उपेक्षा के कारण यहां सैलानियों के लिए कोई सुविधा नहीं है। रांची के नामकुम महुआ टोली के तीन बच्चे हादसे में यहां अपनी जान गंवा बैठे, जिसमें से एक बच्ची इशिका का शव शुक्रवार को बरामद कर लिया गया। इसके बाद से यह बाघमुण्डा फिर से एक बार सुर्खियों में आ गया है। हांलाकि बसिया बीडीओ रविन्द्र गुप्ता बाघमुंडा पर्यटक स्थल में सैलानियों के लिए चेतावनी श्लोगन लिखवा कर एक अच्छी पहल की शुरूआत की है।जो सराहनीय है , पर अब भी बड़ी घटना का गवाह बनने से पहले प्रशासन के अधिकारियों को कई काम करना पड़ेगा। आने वाले माह से यहां सैलानियों का जमावड़ा लगना शुरू होगा। जो नव वर्ष के कुछ माह बाद तक चलेग।यहां काफी दूर दराज से सैलानी पहुंचते हैं। जो यहां के जलप्रपात,गुफा और पानी के बढ़ने वाले स्थान तथा धंसने वाले बालू के जगहों से अनभिज्ञ होकर किसी न किसी अनहोनी घटना के शिकार हो जाते हैं। हांलाकि नये जगहें पर सैलानियों को काफी सतर्कता बरतने की जरूरत है। रांची के नामकुम महुआ टोली वाले परिजनों की बाघमुंडा में घटित घटना महज संयोग या परिजनों की लापरवाही ही मानी जा सकती है ? बाघमुंडा पर्यटक स्थल में घटित घटना की पुनरावृति रोकने के लिए प्रशासन के साथ साथ आमजनों का सहयोग भी आने वाले दिनों में काफी जरूरी है।जिससे बाघमुंडा की मनोरम दृश्य और प्राकृतिक छटा की आवाज विख्यात पर्यटक स्थल के मानचित्र पर नजर आये।

बाघमुंडा के विकास की योजनाएं ठंडे बस्ते

गुमला के तत्कालीन उपायुक्त आराधना पटनायक ने बाघमुण्डा पर्यटक स्थल का दौरा कर इसे विकसित करने के साथ सौंदर्यीकरण की योजना भी बनाई थी। जिसके लिए उपायुक्त ने निर्देश पर कार्यकारी एजेंसी एनआरईपी ने वाच टावर, सीढ़ी के दोनों किनारे रेलिंग, शेड सहित चबूतरा ,नदी किनारे रेलिंग बनाने के लिए प्राक्कलन भी बनाये गए थे। जिसके तहत शैलानियों के लिए सुरक्षा के भी इंतजाम हो सके ।पर तभी उनका स्थानांतरण हो गया।स्थानांतरण के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।हालांकि बाद के दिनों में एक शेड ,शौचालय, पेयजल की ब्यवस्था ,सामुदायिक भवन व मंदिर का निर्माण भी किया गया है

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें