यूसील प्रबंधन 20 तक करे बोनस पर फैसला, अन्यथा 22 से प्रशासनिक भवन का घेराव : यूनियन
जादूगोड़ा में यूसील कर्मचारियों ने बोनस की मांग को लेकर एक गेट सभा आयोजित की। कर्मचारियों ने कहा कि दुर्गा पूजा नजदीक है, लेकिन प्रबंधन की ओर से कोई हलचल नहीं है। यदि 20 सितम्बर तक कोई निर्णय नहीं...

जादूगोड़ा, संवाददाता। यूसील में इन दिनों कर्मचारियों की बोनस की मांग को लेकर प्रबंधन द्वारा किसी तरह की कोई पहल नहीं किये जाने पर मंगलवार को यूसील के संयुक्त यूनियन पदाधिकारियों की अस्पताल चौक के समीप एक गेट सभा हुई। इसमें कंपनी के कई कर्मचारी मौजूद थे। इस बीच कर्मचारियों को संबोधित करते हुए जादूगोड़ा लेबर यूनियन के महासचिव सुरजीत सिंह ने कहा कि दुर्गा पूजा नजदीक है, अब तक कर्मचारियों को बोनस दिये जाने को लेकर प्रबंधन द्वारा किसी प्रकार की कोई हलचल नहीं दिखाई दे रही है। जबकि इस मांग को लेकर संयुक्त यूनियन द्वारा एक माह पूर्व ही प्रबंधन को ज्ञापन देकर अगवत कराया गया था।
हालांकि, इस विषय में जब प्रबंधन से जवाब मांगा गया तो उन्होंने कहा कि बोनस की मांग को लेकर डिपार्टमेंट ऑफ़ एटॉमिक एनर्जी (डीएई) को भेजा गया है, जिसका जवाब आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। प्रबंधन के इस जवाब से ना ही मजदूर संतुष्ट हैं और ना ही यूनियन के पदाधिकारी। उन्होंने कहा कि पूर्व में वर्ष 2022 में हुई हड़ताल के दौरान प्रबंधन के साथ समझौता हुआ था कि जबतक बोनस नहीं मिलता, तबतक दुर्गा पूजा से पहले प्रोत्साहन राशि के रूप में बेसिक का 55% दिया जाएगा, जिसके आधार पर वर्ष 2024 में भी सभी कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि के तौर पर बेसिक का 55 प्रतिशत राशि दिया गया, परंतु इस वर्ष प्रबंधन को डीएई से अनुमति लेनी पड़ रही है। प्रबंधन की इस रवैये से साफ पता चल रहा है कि वे इस बार बोनस (प्रोत्साहन) की राशि देने की मूड में नहीं हैं। यदि 20 सितम्बर तक प्रबंधन ठोस निर्णय नहीं लेती है तो 22 सितम्बर से यूसील जादूगोड़ा के नए प्रशासनिक भवन का घेराव किया जाएगा और यह आंदोलन जारी रहेगा जब तक समाधान नहीं निकलता। संघ ने सेवाओं को लेकर उठाए सवाल वहीं, यूरेनियम मजदूर संघ के महासचिव मुरारी मोहन राव ने कहा कि यूसील में कई वर्षों से स्थानीय कर्मचारियों को पेंशन सुविधा उपलब्ध करने की मांग प्रबंधन से की जा रही है जिसे वे प्रत्येक बार नकार देते हैं, परंतु अधिकारियों को वर्षों से इसका लाभ मिल रहा है। आख़िर ऐसा क्या है जो एक ही संस्था में काम करने वाले लोगों के लिए दो अलग नियम हैं। जो कर्मचारी अपनी जीवन कंपनी की तरक्की में गुजार देते हैं और जब सेवानिवृत्त होकर किसी कारण बीमार पड़ने लगते हैं, तो उसे बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाती हैं। साथ ही यूसील अस्पताल में इन दिनों नई दवाई टेंडर के अनुसार मरीजों को सही समय पर ही दवाई भी नहीं मिल पा रही है, जबकि इन दिनों यूसील की जर्जर क्वार्टर और सड़के कॉलोनी की अलग पहचान बना रही है। इसे लेकर भी प्रबंधन गंभीर नहीं है। इस मौके पर रमेश माझी, राजा राम सिंह, आनंद कुमार, मुरली मोहन राव, सुरजीत सिंह, सुबास कर्मकार समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
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