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वेज रिवीजन को लेकर गुप्त मतदान करायेगा यूसील प्रबंधन

यूसील कर्मियों की एक अप्रैल 2018 से लंबित वेतन पुनरीक्षण समझौता के मामले में श्रमिक संगठनों के साथ सहमति नहीं बनते देख प्रबंधन ने अनोखा रास्ता चुना...

वेज रिवीजन को लेकर गुप्त मतदान करायेगा यूसील प्रबंधन
हिन्दुस्तान टीम,घाटशिलाThu, 16 May 2019 04:54 PM
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यूसील कर्मियों की एक अप्रैल 2018 से लंबित वेतन पुनरीक्षण समझौता के मामले में श्रमिक संगठनों के साथ सहमति नहीं बनते देख प्रबंधन ने अनोखा रास्ता चुना है। प्रबंधन अब वार्ता की मेज से हटकर सीधे मजदूरों की मर्जी पर फैसला लेगी। इसके लिए मजदूरों के बीच गुप्त मतदान कराया जाएगा। इस बारे में नोटिस जारी कर मजदूरों को ऑफर की जानकारी दी है। 20 मई को कंपनी की सभी इकाईयों के टाइम ऑफिस में गुप्त मतदान कराया जाएगा। इसमें दो विकल्प होगा। मजदूर या तो प्रबंधन के ऑफर के पक्ष में मतदान करेंगे या फिर मसले को डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज के हवाले करने पर सहमति जतायेंगे। कुल वोटिंग का पचास प्रतिशत से अधिक मत जिधर पड़ेगा, प्रबंधन उसके अनुसार काम करेगी। यानि यदि पचास प्रतिशत से अधिक मजदूर प्रबंधन के ऑफर के पक्ष में मतदान किये तो प्रबंधन उसे लागू कर देगी।क्या है ऑफर : वेज रिवीजन को लेकर मजदूरों की मर्जी जानने के लिए प्रबंधन 13 मई को नोटिस लगाया है। इसमें ऑल ओेवर बाइस प्रतिशत इंक्रीमेंट देने की बात कही गई है। इसमें मूल वेतन और भत्ता शामिल है। इसके अलावे रिटायर्ड कर्मियों का मेडिक्लेम पॉलिसी ढाई लाख रुपया प्रतिवर्ष करने का ऑफर है। इसके प्रीमियम का आधा पैसा मजदूर देंगे और और आधा कंपनी देगी। वोटिंग बीस मई को सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक होगी। दस साल के एग्रीमेंट के लिए गुप्त मतदान बैलेट से कराया जाएगा। तुम्मलापली में भी मतदान होगा।फैसले के विरुद्ध कोर्ट जा सकती है यूनियन : प्रबंधन द्वारा वेज रिवीजन को लेकर मजदूरों से वोटिंग कराने के खिलाफ यूनियन भी सक्रिय है। हालांकि कोई श्रमिक नेता खुलकर कुछ नहीं बोल पा रहा है। सूत्रों की मानें तो श्रमिक नेताओं की पहली कोशिश वोट बहिष्कार कराने की होगी। इसके अलावे वोटिंग प्रक्रिया के खिलाफ यूनियन ईएलसी यहां शिकायत दर्ज करा सकती है। चर्चा है कि यूनियन नेता कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं। यूनियन नेताओं का कहना है कि अब तक ऐसा कहीं भी नहीं देखा गया है कि प्रबंधन वेज रिवीजन को लेकर वोटिंग कराया हो। चर्चा है कि 23 मई के बाद हड़ताल भी किया जा सकता है।

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