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भूमिज समाज का पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था मजबूत होगा : आभूस

आदिवासी भूमिज समाज द्वारा समाज के स्वशासन व्यवस्था, सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण संवर्धन के लिए शोध,अध्ययन एवं सर्वे के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण...

भूमिज समाज का पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था मजबूत होगा : आभूस
हिन्दुस्तान टीम,घाटशिलाSun, 05 Dec 2021 06:20 PM
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पोटका, संवाददाता

आदिवासी भूमिज समाज द्वारा समाज के स्वशासन व्यवस्था, सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण संवर्धन के लिए शोध,अध्ययन एवं सर्वे के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण रविवार को पर्यावरण चेतना केंद्र बड़ासिगदी में संपन्न हुआ। अंतिम दिन पांच टीमों का गठन कर सोहदा गांव के गादी के संपूर्ण जानकारी के लिए भेजने का निर्णय लिया गया। तीन दिवसीय प्रशिक्षण में पारंपरिक स्वशासन के ढांचा, भारत देश के संविधान, सांस्कृतिक धरोहर, रीति रिवाज पर फोकस रखते हुए विस्तार से जानकारी दी गई। मौके पर समाज के वक्ताओं ने प्रतिभागियों से कहा कि  भूमिज समाज का इतिहास लोकप्रिय है। हमारा संस्कृति, अधिकार की रक्षा करने में युवाओं को आगे आना होगा। युवा वर्ग जिम्मेदारी भूमिका निभाएं। नाया, दिगार, प्रधान, देवरी सहित के सभी के अधिकारों को भी शक्ति प्रदान कर पुर्नगठन किया जाएगा। यह सामुहिक कर्तव्य है। प्रशिक्षण रविवार को खत्म होगा। इस अवसर पर सिद्धेश्वर सरदार, मैथीसन सरदार, हाड़ीराम सिंह, हरीश सिंह भूमिज, शत्रुघ्न सरदार, बंसती सरदार, पुतुल सरदार, जयपाल सिंह सरदार, सुनाराम सरदार, सुखदेव सरदार, सुनील कुमार सिंह, शिवानी सरदार, अनिता सरदार, बुधराम सरदार, सुदर्शन, विभीषण, संजय सरदार, मानिक सरदार सहित अन्य उपस्थित थे।

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