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नीतीश ने गेहूं की खेती कर किसानों को दिखाई राह

पोटका प्रखंड अंतर्गत कुलडीहा पंचायत स्थित गोपालपुर गांव के किसान नीतीश कुमार भकत ने पहली बार गेहूं की खेती की है। खेतों में लहलहाते फसल को देखकर अन्य किसान भी गेहूं की खेती के लिए प्रेरित हो रहे...

नीतीश ने गेहूं की खेती कर किसानों को दिखाई राह
हिन्दुस्तान टीम,घाटशिलाSun, 16 Feb 2020 02:01 AM
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पोटका प्रखंड अंतर्गत कुलडीहा पंचायत स्थित गोपालपुर गांव के किसान नीतीश कुमार भकत ने पहली बार गेहूं की खेती की है। खेतों में लहलहाते फसल को देखकर अन्य किसान भी गेहूं की खेती के लिए प्रेरित हो रहे हैं। प्रखंड में जहां पानी के अभाव में लोग धान कि खेती नहीं कर पाते हैं। वहीं, नीतीश ने करीब एक बीघा जमीन पर गेहूं की खेती की है। गांव के दो अन्य किसान प्रणय कुमार भकत और जय प्रकाश भकत ने भी गेंहू की खेती में दिलचस्पी दिखाई है।

लैंपस के कर्मचारियों ने किया था प्रोत्साहित : पैसे से इलेक्ट्रिशियन नीतीश को लैंपस के कर्मचारियों ने गेहूं की खेती के लिए प्रेरित किया था। नीतिश ने बताया कि गेहूं की खेती के लिए आसनबनी लैम्पस के कर्मचारियों ने उन्हें प्रोसाहित किया था। मुफ्त में बीज उपलब्ध कराए थे। अशंकाओं के बीच उन्होंने तालाब किनारे गेहूं की खेती शुरू की। दिसम्बर माह में खेती शुरू की थी और आज लहलहाते फसल को देख उनका मन खुशी से प्रफुलित हो रहा है। खेतीबाड़ी में यह हमारा नया प्रयोग है, जो की सफल होता दिख रहा है। वे अगले साल बड़े पैमाने पर गेहूं का पैदावार करेंगे।

सिंचाई का साधन उपलब्ध कराए सरकार : सिंचाई की समस्या का हल हो तो यहां पर गेहूं की खेती करना आसान हो जाएगा। उन्होंने बताया कि गेहूं की खेती दिसम्बर माह से शुरू हो जाती है और तीन माह में फसल तैयार हो जाता है। खेती के लिए सिंचाई का साधन जरूरी है। सरकार इस समस्या का समाधान कर दे तो यहां के किसान भी बंपर ढंग से गेहूं उपजा सकते हैं। उसने बताया कि गेहूं के बीज तो मुफ्त मिल गया था लेकिन सिंचाई में अब तक तीन हजार खर्च हो चुके हैं। भाड़े पर मोटर पंप लेकर खेत को सींच रहे हैं।

बगल का तालाब सहारा बना : उन्होंने बताया कि फसल अच्छी हो तो एक कट्ठा में करीब 50 मन गेहूं की उपज हो सकती है। इस लिहाज से उन्होंने जितनी जमीन पर फसल उगाया है उस हिसाब से उनके परिवार को सालो भर खाने के लिए रोटी नसीब हो जाएगा। खर्च की तुलना में बहुत ही अधिक मुनाफा है। पहली बार थोड़ी मुस्किल हो रही है लेकिन यह अनुभव आगे जाकर किसानी कि राह आसान कर देगा।

बिहार की तर्ज पर काजी हाउस खुले : करीब 200 किसानों और 2500 से ज्यादा आबादी वाली इस गांव के प्रभास भकत, परमेहवार भकत और उपेंद्र नाथ भकत ने बताया कि गांव के अन्य किसानों के पास भी काफी जमीन है। साधन और संसाधन मिलने पर हमसब भी गेहूं की खेती करेंगे। लेकिन खेती में सिचाई के साधन के अलावा एक बड़ी समस्या फसलों की सुरक्षा की है। नीतिश ने एक बीघा जमीन पर गेहूं की खेती की तो उसकी सुरक्षा के लिए झाड़ियों का घेरा बनाने में करीब छह हजार रुपये खर्च हो गया। उन्होंने कहा कि बिहार के तर्ज पर यहां भी काजी हाउस बना दिया जाए तो भय से लोग अपने मेवेशी को खुला नहीं छोड़ेंगे और किसनो की मेहनत भी बर्बाद नहीं होगी।

इस संबंध में पोटका के ब्लॉक टेक्नीकल मैनेजर कौशल झा ने बताया कि क्षेत्र में कुछ जगहों पर गेहूं की फसल लगाया गया है, ताकि पता चल सके की यहां की जमीन गेहूं की खेती करने के लिए सही है या नहीं। अच्छा रिप्सांस मिल रहा है। सभी गेहूं की खेती करेंगे तो सरकार इन किसानों के लिए डीप बोरिंग की व्यवस्था करेगी। अभी सरसो, गेहूं , चना, मसूर का बीज सरकार की तरफ से खेती करने के लिए हर एक किसान को आधे दाम पर दिया जा रहा। यहां धान की खेती के साथ लोग गोभी, टमाटर, पालक, मूली समेत कई चीजों की खेती कर रहे हैं। सरकार सभी फसलों को बढ़ावा देगी।

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