चाकुलिया: नीमडीहा में दुर्घटना को दावत दे रही है जर्जर सोलर जल मीनार
चाकुलिया प्रखंड के नीमडीहा गांव में स्थापित सोलर जलापूर्ति योजना की जर्जर जल मीनार दुर्घटना का कारण बन सकती है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग इससे अनजान है। ग्रामीणों ने कई बार मरम्मत की मांग की, लेकिन कोई...

चाकुलिया: चाकुलिया प्रखंड अंतर्गत लोधाशोली पंचायत के पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे आदिवासी बहुल नीमडीहा गांव में स्थापित सोलर जलापूर्ति योजना की जर्जर जल मीनार ध्वस्त होने के कगार पर है। यह जर्जर जल मीनार किसी दुर्घटना का कारण बन सकती है। परंतु पेयजल एवं स्वच्छता विभाग इससे अनजान बना हुआ है।जल जमाव के बीच में स्थित इस जल मीनार के चारों और लंबी-लंबी झाड़ियां हैं। जल मीनार के पिलर जर्जर हो गए हैं और कई जगहों पर दरारें पड़ गई हैं। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा इसकी मरम्मत नहीं कराई गई तो जल मीनार कभी भी ध्वस्त हो सकती है।
इस जल मीनार से ग्रामीण पेयजल प्राप्त करते हैं।सौर ऊर्जा से संचालित ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत डीएमएफटी योजना अंतर्गत इस जल मीनार की स्थापना हुई थी। जल मीनार में लगी पाइपें सड़ गई हैं। पाइप से पानी झरता रहता है। ग्रामीणों ने पाइप को गिरने से बचाने के लिए पाइप के नीचे लकड़ी लगा दी है। फटी हुई पाइप को कपड़ा से बांध दिया है। जल मीनार के चारों ओर बरसात का पानी जमा है। इससे दुर्गंध फैल रही है। वहीं झाड़ियों के कारण सांप और बिच्छुओं का भी डर बना रहता है। इस जल मीनार की मरम्मत की मांग ग्रामीण काफी दिनों से कर रहे हैं। परंतु आवश्यक पहल नहीं हो रही है।
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