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बागजाता माइंस के विस्थापितों की बैठक में र्जर सड़क का मामला छाया रहा मामला

रविवार को बागजाता माइंस प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण एवं विस्थापित परिवार के सदस्यों की बैठक फूलझरी गांव के ग्राम प्रधान करण मुर्मू की अध्यक्षता में...

बागजाता माइंस के विस्थापितों की बैठक में र्जर सड़क का मामला छाया रहा मामला
हिन्दुस्तान टीम,घाटशिलाSun, 28 Nov 2021 11:40 PM
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रविवार को बागजाता माइंस प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण एवं विस्थापित परिवार के सदस्यों की बैठक फूलझरी गांव के ग्राम प्रधान करण मुर्मू की अध्यक्षता में बागजाता में सम्प्पन हुई। इस बैठक में मुख्य रूप से मुसाबनी अंश 19 के जिला पार्षद बुद्धेश्वर मुर्म उपस्थित थे । बैठक में उपस्थित ग्रामीणों ने बादिया विवेकानन्द चौक से बागजाता माइंस गेट तक जर्जर सड़क के मुद्दे को जोरदार से उठाते हुए कहा कि विगत चार वर्षो से इस सड़क के निर्माण की खबर सिर्फ अखबार में ही देखने को मिल रहा है । यह जर्जर सड़क अब जान लेवा होने लगा है । ग्रामीणों ने सड़क निर्माण जल्द से जल्द शुरू करने की मांग की ,नहीं तो सड़क जाम जैसे आंदोलन करने पर जोर दिया। उपस्थित विस्थापितों ने स्थानीय जिला पार्षद बुद्धेश्वर मुर्मू के समक्ष अपने बातों को रखते हुए कहा कि हम विस्थापित परिवार के डैथ केश वालों तथा शेष विस्थापित सदस्य को नियोजन हेतु बागजाता माइंस के विस्थापितों को यूसील प्रबंधन द्वारा अब तक नियोजन हेतु फॉर्म का वितरण नहीं किया गया है। इस पर नराजगी व्यक्त करते हुए विस्थापित परिवार के सदस्य भी आंदोलन का मन बना रहें है । बैठक में स्थानीय शिक्षित बेरोजगार युवकों ने बागजाता माइंस में मेट, ब्लास्टर एवं अन्य ट्रेड में ट्रेनिंग की व्यवस्था करने की मांग को यूसील के समक्ष रखने की मांग की गई । मुख्य रूप से उपस्थित मुसाबनी अंश 19 के जिला पार्षद बुद्धेश्वर मुर्मू ने ग्रामीण एवं विस्थापित के समस्या को सुनने के बाद कहा की बागजाता माइंस के यूरेनियम से देश के अन्विक शक्ति के साथ साथ परमाणु क्षमता वाले सौर्य ऊर्जा के उत्पादन में अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि बागजाता माइंस के देश के लिए अहम योगदान होने के बाद भी बादिया विवेकानंद चौक से बागजाता तक वर्षों से जर्जर सड़क की दशा से यूसील कम्पनी ने क्षेत्र के लोगों को नारकीय जिंदगी जीने के लिए मजबुर कर दिया है । यूसील से लोगों को काफी उम्मीद थी कि क्षेत्र के विकास के लिए बागजाता माइंस मिल का पत्थर साबित होगा । परन्तु माइंस खुलकर सत्रह वर्ष हो गया है । प्रभावित और विस्थापित के लिए इन सत्रह वर्षो में शिक्षा, बिजली सड़क ,पेयजल, स्वास्थ्य और समाजिक सरोकार के तहत विकास करने में यूसिल नाकामी साबित हुआ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रभावित क्षेत्र के युवकों को रोजगार से जोड़ने एवं विकास के लिए आगे आने का आह्वान किया । बैठक में निर्णय लिया गया कि बादिया से बागजाता तक जर्जर सड़क का निर्माण ,माइंस प्रभावित क्षेत्र में सीएसआर के तहत स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों को ट्रेनिंग कर सीधी नियुक्ति और विकास के कामों में गति देने, बागजाता माइंस के ठेका कर्मियों के आश्रितों को नियोजन करना, विस्थापितों की अंशदारों को वर्तमान नियोजन नीति के तहत नियोजन फॉर्म वितरण कर यूसील में नियोजन सम्बन्धी आगामी 8 दिसंबर तक ठोस निर्णय लेकर अवगत नहीं किया जाता है तो 10 दिसंबर को इन मांगों को लेकर बाकड़ा गांव के सड़क पर धरना देकर जाम करने का निर्णय लिया गया । जिला पार्षद बुद्धेश्वर मुर्मू ने ग्रामीणों के मांग के समर्थन में वे भी धरना पर बैठने कि घोषणा किया । इस अवसर पर गोहला पंचायत के पंचायत समिति सदस्य हरिपद भकत, चंद्राई हांसदा,सरकार सोरेन,मंगल महाली, करण मुर्मू, छोटराई सोरेन,भगमत सोरेन,फागू मार्डी, जय सिंह हेंब्रम,धीरेन हांसदा,कन्हाई हेंब्रम,सुंदर मुर्मू,विक्रम मुर्मू,निर्मल हेंब्रम ,राकेश मुर्मू,फागू सोरेन, हाबलू गोप आदि उपस्थित थे ।

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