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बिजली दुरुस्त करने के दौरान करंट लगने से बिजली कर्मी की मौत, धरना पर बैठे कर्मचारी

हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड-इंडियन कॉपर कांप्लेक्स (एचसीएल-आईसीसी) के बानालोपा बिजली सब-स्टेशन में काम करने के दौरान एक बिजली कर्मी की मौत हो गई। घटना शनिवार दिन के लगभग 11 बजे की है। बताया जाता है...

बिजली दुरुस्त करने के दौरान करंट लगने से बिजली कर्मी की मौत, धरना पर बैठे कर्मचारी
हिन्दुस्तान टीम,घाटशिलाSun, 27 May 2018 05:04 PM
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हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड-इंडियन कॉपर कांप्लेक्स (एचसीएल-आईसीसी) के बानालोपा बिजली सब-स्टेशन में काम करने के दौरान एक बिजली कर्मी की मौत हो गई। घटना शनिवार दिन के लगभग 11 बजे की है।

बताया जाता है कि 60 वर्षीय बिजली कर्मी भोक्ता बहादुर शनिवार को बानालोपा स्थित एचसीएल के बिजली सब स्टेशन में काम कर रहा था। इसी दौरान वह बिजली की चपेट में आ गया। इससे उसकी मौत हो गई। कर्मचारियों ने बताया कि बानालोपा एचसीएल के बिजली सब स्टेशन से सुरदा माइंस में बिजली आपूर्ति होती है। शनिवार को लाइन में तकनीकी गड़बड़ी हो गई। लाइन की गड़बड़ी को भोक्ता बहादुर अन्य कर्मचारियों के साथ ठीक कर रहे थे। इसी दौरान वह करंट की चपेट में आ गया। आनन-फानन में उसे इलाज के लिए आइसीसी मऊभंडार लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मुआवजे की मांग पर नहीं होने दिया पोस्टमार्टम: इधर घटना से नाराज सुरदा खदान में काम करने वाले मजदूर अस्पताल परिसर में इक्ट्ठा होकर मृतक के परिजन को मुआवजा देने की मांग की। मजदूरों ने मृतक के परिजनों को 10 लाख रूपये मुआवजा राशि व परिवार के एक सदस्य को एचसीएल-आइसीसी कंपनी में स्थायी रोजगार देने की मांग कर रहे थे। इस पर आइसीसी अधिकारी डीके श्रीवास्तव ने भरोसा दिलाया कि कंपनी कोशिश करेगी कि मृतक के परिजन को मुआवजा के तौर पर ज्यादा से ज्यादा राशि मिले। लेकिन गुस्साए मजदूरों ने लिखित तौर पर आश्वासन मांगा। कंपनी अधिकारियों ने कहा कि इस बारे में जो कुछ भी होगा, अब सोमवार को ही हो सकता है। इसके बाद नाराज मजदूरों ने अपने साथी मजदूर का पोस्टमार्टम कराने से इंकार दिया। फलस्वरूप शव को फिलहाल यूसील अस्पताल जादूगोड़ा के शीतगृह में रखवा दिया गया है। मौके पर मौजूद आइसीसी के अधिकारी डीके श्रीवास्तव, एजीएम संजय शिवदर्शी, ब्रजेश कुमार, भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष हरेश्वर सिंह, बीएमएस के एसएन त्रिपाठी, बीसूत्री के जिला उपाध्यक्ष दिनेश साव समेत अन्य पहुंचे थे।

वीआरएस देकर सुरदा में काम करता था भोक्ता: भोक्ता बहादुर पूर्व में एचसीएल कर्मचारी रह चुका था। उसने वर्ष 2002 में स्वैचिछक सेवानिवृति योजना (वीआरएस) का लाभ लिया था। उसके बाद वर्ष 2008 से ही वह सुरदा माइंस में आइआरएल, श्रीराम ईपीसी और अब ऑरियन नामक एजेंसी के अंडर में ही सुरदा खदान में काम करता था।

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