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धालभूमगढ़ : साउथ साइड में फुट ओवरब्रिज नहीं होने से रेल यात्री परेशान, जान जोखिम में डाल मालगाड़ी के नीचे से

दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर-टाटा नगर डिविजन का प्रमुख स्टेशन है धालभूमगढ़। दक्षिण में गुड़ाबान्दा से ले कर उत्तर में बंगाल बॉर्डर बासाडीहा तक तथा पूर्व में बंगाल बॉर्डर चिंचड़ा से लेकर ओडिशा के बारीपदा...

धालभूमगढ़ : साउथ साइड में फुट ओवरब्रिज नहीं होने से रेल यात्री परेशान, जान जोखिम में डाल मालगाड़ी के नीचे से
हिन्दुस्तान टीम,घाटशिलाFri, 25 May 2018 02:40 PM
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दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर-टाटा नगर डिविजन का प्रमुख स्टेशन है धालभूमगढ़। दक्षिण में गुड़ाबान्दा से ले कर उत्तर में बंगाल बॉर्डर बासाडीहा तक तथा पूर्व में बंगाल बॉर्डर चिंचड़ा से लेकर ओडिशा के बारीपदा तक के लिए यह स्टेशन अहमियत रखता है पर रेलवे की नजर में इसकी शायद कोई अहमियत नहीं है। इसलिए महज एक फुट ओव ब्रिज (एफओबी) के लिए गुहार लगा रहे लोगों की रेलवे नहीं सुन रहा है।

स्टेशन के दक्षिण की ओर एफओबी का विस्तार नहीं करने के कारण कई गांवों के लोगों को रेल सुविधाओं के लिए परेशानी होती है। इस ओर पटनायकशोल, रमाशोली, बांधगुटु, गोगलो, नदी पार के भालकी, सुंड़गी, माछभण्डार, कन्यालुका आदि गांवों के लोगों को स्टेशन पहुंचने के लिए अतिरिक्त करीब तीन से चार किमी का चक्कर लगाना पड़ता है। इन गांवों से सैकड़ों लोग रोजगार के लिए तथा युवा वर्ग पढ़ाई के लिए जमशेदपुर एवं घाटशिला जाते हैं। इस ओर जीएनडी कॉलेज होने के कारण छात्र-छात्राओं का अवागमन लगा रहता है। अगर एक नंबर प्लेटफार्म पर कोई मालगाड़ी खड़ी हो जाती है तो लोगों की परेशानी और बढ़ जाती है। महिलाओं, बुजूर्गों एवं छात्रों को मालगाड़ी के नीचे से पार होकर आना पड़ता है। अन्यथा करीब तीन किमी घूम कर पैदल आना पड़ेगा। कई बार तो दिन-रात मालगाड़ी खड़ी रहती है।

लोगों ने इस समस्या से निजात पाने के लिए बराबर रेल प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया है। जीएम एवं डीआरएम को कई बार मांग पत्र दिया गया। हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला। इधर सांसद विद्युत वरण महतो एवं डॉ. प्रदीप बलमुचू से भी लोगों ने गुहार लगाई है। डॉ. बलमुचू ने तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु को इस बारे में पत्र भी लिखा था लेकिन अभी तक रेलवे की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है।

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