धालभूमगढ़ में धान खरीदी में विलंब, किसान परेशान
धालभूमगढ़ प्रखंड में इस बार धान का बंपर उत्पादन हुआ है, जिसकी संभावना 2610 टन है। हालांकि, धान खरीदारी को लेकर प्रखंड कार्यालय से कोई सूचना नहीं आई है, जिससे किसान परेशान हैं। लैंपस संचालकों का कहना...

धालभूमगढ़ प्रखंड में इस बार धान का बंपर उत्पादन हुआ है। प्रखंड में इस बार 2610 टन धान के पैदावार की संभावना है। मगर अब तक प्रखंड कार्यालय की ओर से धान खरीदारी को लेकर कोई सूचना जारी नहीं की गई है। कीमतों का भी निर्धारण नहीं किया गया है। इसको लेकर क्षेत्र के किसान परेशान हैं। मालूम हो कि प्रखंड में लैंपस के माध्यम से ही धान की खरीदारी की जाती है। उसे स्थानीय चावल मिलों में देकर बदले में चावल लिया जाता है। इस बार भी प्रखंड के तीन मिलों का चयन किया गया है। इसकी अनुमति के लिए जिला कार्यालय को सूचना प्रेषित की गई है। मगर प्रखंड में केवल बेहड़ा लैंपस ही गतिमान है। धालभूमगढ़ लैंपस और मोहलीसोल लैंपस पूरी तरह कार्यरत नहीं दिख रहा है। धालभूमगढ़ लैंपस के संचालक तपन कुमार नारायण देव का कहना है कि हमें 2011-12, 2012-13 तथा 2019-20 से 2021-22 तक का लाभांश भुगतान नहीं किया गया है। जो लगभग मोटे तौर पर 34 लाख रुपए की हो सकती है। किसी प्रकार का अतिरिक्त बोनस या भुगतान भी नहीं दिया जाता है। वहीं मोहलीसोल के संचालक मलय कुमार सन्डो का कहना है कि मेरे लैंपस का भी लगभग 40 लाख रुपये कमीशन बकाया है। प्रखंड में तीनों लैंपस को मिलाकर लगभग 1 करोड़ रुपए का कमीशन बकाया है। इससे काम करने की इच्छा मर जाती है। मगर सरकारी आदेश आने पर खरीदारी तो करनी पड़ेगी। ऐसे मेरे क्षेत्र के किसानों का कहना है कि लैंपस में भुगतान विलंब से होता है। हम संभवत: अपनी उपज को नगद में बाजार मूल्य में ही बेच देंगे। लैंपस संचालकों का कहना है कि अपने कमीशन के संबंध में हमने जिला सहकारी समिति प्रबंधक को लिखित और मौखिक कई बार अनुरोध किया मगर प्रतिफल आज तक नहीं मिला आदेश आने पर खरीदारी तो करनी पड़ेगी। प्रखंड कृषि पदाधिकारी पियूष मंडल के अनुसार, सरकार की ओर से शीघ्र निर्देश आने की उम्मीद है, और इसको लेकर पत्राचार किया जा रहा है।
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