बूंद-बूंद पानी को तरस रहे 200 परिवार
पेयजल को लेकर क्षेत्र में इस प्रकार हाहाकार मचा है कि लोग बुंद बुंद पानी को तरसने लगे हैं। लगभग दो सौं परिवार वाले इस गांव में नाम के तो सात चापाकल हैं, लेकिन काम दो ही कर रहा हैं। जिसके कारण चापाकल...
पेयजल को लेकर क्षेत्र में इस प्रकार हाहाकार मचा है कि लोग बुंद बुंद पानी को तरसने लगे हैं। लगभग दो सौं परिवार वाले इस गांव में नाम के तो सात चापाकल हैं, लेकिन काम दो ही कर रहा हैं। जिसके कारण चापाकल से पानी को लेकर डेली लंबी कतार के साथ साथ विवाद भी देखने को मिलता हैं।
इस संबंध में गांव के ग्रामीण शैलेन मन्ना,मुचीराम सिंह समेत अन्य ग्रामीणों को कहना है कि गांव में सात चापाकल था, जिसमें पांच खराब हैं। खराब चापाकल को ठीक कराने के लिए कई बार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारी को आवेदन देकर गुहार भी लगायी गई। लेकिन विभाग में समान नही होने की बात कह आज तक चापाकल को ठीक नही किया गया। मुखिया के पास जो सरकार ने चापाकल ठीक कराने के लिए राशि 922 रुपया दिया हैं, उससे कोई चापाकल ठीक नही हो सकता। चापाकल खराब होने के कारण कोई भी व्यक्ति घर में नहाने से परहेज कर रहा हैं, पिने के पानी के लिए ही मशक्कत करनी पड़ रही हैं तो नहाने का पानी कहां से आयेगा। नहाने के लिए सभी तालाब या फिर नाला के पानी का सहारा ले रहे हैं। पंसस ने बताया कि यह एक साल का मामला नही है,हर साल ग्रामीणों को ऐसे ही तकलीफों से गुजरना पड़ता हैं। बांधडीह गांव में पेयजल संकट को लेकर मुखिया सोमवारी सोरेन ने कहा कि बांधडीह गांव में पेयजल संकट को देखते हुए पंचायत के सोलर जलमिनार बनाने का निर्णय लिया गया हैं। जलमिनार बनाने का काम शीध्र ही प्रारंभ कर दिया जायेगा।