मजदूरों का जत्था विशाखापटनम के लिए गया
प्रवासी मजदूरों को उनके मनमुताबिक काम नहीं मिला। काम नहीं मिलने के कारण फांकाकशी में दिन काट रहे मजदूरों का जत्था गुरुवार को बिशाखापटनम के लिए रवाना हो...

प्रवासी मजदूरों को उनके मनमुताबिक काम नहीं मिला। काम नहीं मिलने के कारण फांकाकशी में दिन काट रहे मजदूरों का जत्था गुरुवार को विशाखापटनम के लिए रवाना हो गया। मालूम हो कि देशभर में कोरोना महामारी का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। उसके बाद भी मजदूर दहशत के बीच विभिन्न गांवों से पलायन कर रहे हैं। लॉकडाउन में बाहर कमाने गए मजदूर पैदल या किसी व्यवस्था से घर पहुंचा। यहां काम नहीं मिलने और घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ने के कारण उन्हें परिवार चलाना मुश्किल होने लगा। परिवार के भरण पोषण के लिए उन्हें संक्रमण के खतरे के बीच बाहर जाना उनकी मजबूरी हो गई। गुरुवार को ब्लॉक मोड़ से गुरुवार को मजदूर बिशाखापटनम के लिए रवाना हुए। उन्हें लेने के लिए एस्सार कम्पनी ने बस भेजा था। बस में कुल 39 मजदूर सवार थे। उनमें विशुनपुरा गांव के 10, पतिहारी गांव के 22 और बरडीहा प्रखंड के सेमरी गांव के सात मजदूर शामिल थे। पलायन कर रहे मजदूर बताते हैं कि गांव घर में काम नहीं मिला। इसी बीच कंपनी ने उनसे संपर्क किया। वह समझ रहे हैं कि अभी बाहर निकलने का मतलब है संक्रमण के खतरे को न्योता देना है। उसके बाद भी परिवार के भरण पोषण के लिए उन्हें जाना पड़ रहा है।
