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महिलाओं को अपनी शक्ति पहचानने की जरूरत: डीसी

गढ़वा। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत श्री सद्गुरु जगजीत सिंह नामधारी महाविद्यालय में मंगलवार को महाविद्यालय स्तरीय व्याख्यानमाला की शुरुआत महिला सशक्तिकरण पर चर्चा से की...

महिलाओं  को अपनी शक्ति पहचानने की जरूरत: डीसी
हिन्दुस्तान टीम,गढ़वाWed, 20 Jun 2018 12:28 AM
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राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत श्री सद्गुरु जगजीत सिंह नामधारी महाविद्यालय में मंगलवार को महाविद्यालय स्तरीय व्याख्यानमाला की शुरुआत महिला सशक्तिकरण पर चर्चा से की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन डीसी डॉ नेहा अरोड़ा, एनपीयू के कुलपति प्रो. डॉ एसएन सिंह, कॉलेज के प्राचार्य डॉ अखिलानंद पांडेय, गोपीनाथ सिंह महिला महाविद्यालय के प्राचार्य संयुक्ता सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रवज्जलित कर किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीसी ने कहा कि महिलाएं शक्ति के रूप में जानी जाती है। इतिहास में भी महिलाओं ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। महिला के बिना घर चलाना काफी मुश्किल होती है। इसलिए महिलाओं को घर का पावर फूल कहा जाता है। उन्होंने कहा कि महिला को समाजिक निर्णय, आर्थिक और मानसिक क्षमता को बढ़ाने की जरूरत है। वही उन्हें आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है। डीसी ने कहा कि एक महिला को शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित होता है। वर्तमान समय में महिला ही महिला के प्रति नहीं सोचती है। लड़की जन्म लेते ही मां-बाप का बोझ बन जाती है। महिलाओं को उससे ऊपर उठने की जरूरत है। उन्होंने उपस्थित लोगों से बाल-विवाह का विरोध करने की अपील की। साथ ही कहा कि महिला संगठित होकर आत्म निर्भर बनें। वहीं उन्हें अपनी शक्ति पहचानने की जरूरत है। डीसी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण में पुरुषों का बड़ा हाथ है। उसमें और तेजी देने की जरूरत है। उन्होंने छात्रों से कहा कि डिग्री के लिए नहीं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए पढ़े। गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा ही महिलाओं को मंजिल दे सकती है। कुलपति ने कहा कि समाज में महिलाओं की भागीदारी के बिना राष्ट्र निर्माण संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि महिलाएं और पुरुषों के बेहतर समन्वय से महिला सशक्तिकरण को बल मिलेगा। वहीं महिलाओं में स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति जागरुकता कम है। उसे और बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने सभी लोगों से अपने बच्चों को सोशल मीडिया, कुरीतियों से दूर रखकर बेहतर शिक्षा सुनिश्चित कराने की अपील की। प्राचार्य प्रो. अखिलानंद पांडेय ने डीसी से बहुदे्शीय भवन के लिए चहारदिवारी की मांग की। वहीं छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लेने को कहा। कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य की ओर से लिखी गई मुगलकालीन साहित्य एवं शिक्षा के पुस्तक का विमोचन किया गया। मौके पर प्रो.भागवत यादव, प्रो. वीपी पांडेय, प्रो. मनोज पाठक, प्रो. संतकिशोर, प्रो. अनिल वर्मा, प्रो. अजय प्रसाद, डॉ रामकुमार प्रसाद, डॉ घनश्याम पांडेय, डॉ आरवी आजाद, डॉ स्वर्ण महतो, डॉ विरेन्द्र यादव, प्रो. विनोद सिंह, आशिष वैद्य, अविनाश पासवान सहित अन्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. डॉ नथुनी पांडेय आजाद ने किया।

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