फरठिया के ग्रामीणों ने सड़क निर्माण कार्य रोका, विभागीय जेइ को सौंपा मांग पत्र
फोटो संख्या प्रताप एक- फरठिया गांव में मुआवजा को ले सड़क पर विरोध जताते ग्रामीण सदर प्रखंड के फरठिया गांव के 250 ग्रामीणों ने मुआवजा की मांग को लेकर

सदर प्रखंड के फरठिया गांव के 250 ग्रामीणों ने मुआवजा की मांग को लेकर सड़क निर्माण कार्य रोक दिया है। वहीं फरठिया पंचायत भवन के पास रविवार सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक चार घंटे तक विरोध प्रदर्शन भी किया। बिना मुआवजा भुगतान किए कार्य किए जाने से ग्रामीण नाराज थे। ग्रामीण मुआवजा भुगतान करने, बाजार मूल्य पर मूल्य निर्धारण करने और मुआवजा भुगतान के बाद ही सड़क निर्माण कार्य करने की मांग कर रहे थे। मौके पर विभागीय जेइ अंकित प्रसाद और नियुक्त दंडाधिकारी मनोज कुमार शुक्ल पहुंचे। ग्रामीणों ने मुआवजा भुगतान कराने संबंधित आवेदन विभागीय जेइ को देकर विरोध प्रदर्शन समाप्त किया लेकिन कार्य रोक दिया है। उक्त सड़क डेंटल कॉलेज मोड़ से नावाडीह गांव तक कुल 15 किलोमीटर सड़क का निर्माण पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से कराया जा रहा।
ग्रामीणों ने कहा कि मुआवजा के लिए डेढ़ माह पहले भी डीसी को आवेदन दिया था। विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों में फरठिया पंचायत की बीडीसी सोनिया देवी, मुखिया प्रतिनिधि शहंशाह, रीता देवी, संजू देवी, अलाउद्दीन अंसारी, महावीर उरांव, बीसू उरांव, लेयाकत अंसारी सहित अन्य ने कहा कि हमलोग विकास कार्य के बाधक नहीं है और न ही हमलोगों की मंशा सड़क निर्माण कार्य को बाधित करना है। हमलोग अपने अधिग्रहित भूमि का मुआवजा की मांग कर रहे हैं। जिला प्रशासन के पास गुहार लगा चुके हैं। डेढ़ माह पूर्व उपायुक्त से हम सभी मिले थे। उन्होंने मुआवजा भुगतान कराने का आश्वासन भी दिया था। मगर डेढ़ माह बीतने के बाद भी अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अगर ऐसा ही रहा तो हमलोग बाध्य होकर न्यायालय की शरण में जाएंगे।
प्रशासन की ओर से मुआवजे की पहल नहीं
ग्रामीणों ने कहा कि ढाई माह पहले से सड़क निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इस बीच सिर्फ एक बार अमिन पहुंचा था जो मापी कर मकान व भूमि में दागी लगाकर चले गए। उसके बाद अभी तक जिला प्रशासन की ओर से न ही हमलोगों को नोटिस भेजी गई है और न ही मुआवजा से संबंधित किसी प्रकार की कोई पहल की जा रही है। ग्रामीणों ने कहा कि संवेदक की ओर से मनमानी तरीके से भूमि अधिग्रहित कर कार्य किया जा रहा है। उससे ग्रामीण के खेत तो बर्बाद हो ही रहे हैं कई ग्रामीणों के मकान भी टूट जाएंगे। ऐसे में जिला प्रशासन को सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए हम ग्रामीणों को न्याय देना होगा। अन्यथा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
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