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नहीं थम रहा हाथियों का आतंक, दहशत में हैं ग्रामीण

जिलांतर्गत रमकंडा और रंका प्रखंड के सुदूरवर्ती गांवों में हाथियों का आतंक नहीं थम रहा है। हाथियों का झुंड गांव में रात को आता है और तबाही मचाने के बाद चला जाता...

नहीं थम रहा हाथियों का आतंक, दहशत में हैं ग्रामीण
हिन्दुस्तान टीम,गढ़वाFri, 10 Jan 2020 01:14 AM
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जिलांतर्गत रमकंडा और रंका प्रखंड के सुदूरवर्ती गांवों में हाथियों का आतंक नहीं थम रहा है। हाथियों का झुंड गांव में रात को आता है और तबाही मचाने के बाद चला जाता है। उससे ग्रामीण दहशत में हैं। रमकंडा प्रखंड बिराजपुर, कुशवार, तेतरडीह, गोबरदाह सहित अन्य गांवों में हाथियों का आतंक बरकरार है। पिछले दिनों बिराजपुर व कुशवार गांव में दर्जनों घरों को क्षतिग्रस्त करने के बाद बुधवार रात भी हाथियों के झुंड ने बरवा व बैरिया गांव में जमकर उत्पात मचाते हुये कई घरों को धवस्त कर उसमें रखे गये धान खा गये। वहीं किसानों के मकई व धान को खेतों में छींटकर बर्बाद कर दिया। जानकारी के अनुसार रमकंडा-बिराजपुर के जंगलों से निकले हाथियों का झुंड चिग्घाड़ते हुये देर शाम करीब आठ बजे बरवा गांव पहुंचा। हाथियों के चिग्घाड़ने की आवाज सुनने के साथ ही ग्रामीणों ने टार्च व मशाल की मदद से उन्हें जंगलों की ओर भाग दिया। बाद में धान की तलाश में हाथियों का झुंड फिर रात करीब 11 बजे बैरिया गांव पहुंचकर सोनू राम के घर को तोड़कर उसमें रखे गये करीब चार क्विंटल धान चट कर गये। उसके बाद हाथियों ने बरवा गांव पहुंचकर गुलबसिया केरकेट्टा के घर को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। वहीं बोरी में रखे गये करीब 15 क्विंटल धान को बाहर खिंचकर खा गये। खाने के बाद जो बचा उसे खेतों में छींटकर बर्बाद कर दिया। हाथियों ने उत्पात मचाते हुये रामजीवन केरकेट्टा, निर्मल तिर्की, सुनील केरकेट्टा, रबित बाखला, अनिल तिर्की, युगल लकड़ा व अर्जुन लकड़ा के घरों को आंशिक क्षतिग्रस्त कर धान खा गये। वहीं सरसों की फसल को रौंदते हुये हाथियों ने गांव के ही कुलदीप केरकेट्टा व पीयूष लकड़ा के घरों के बाहर छज्जा के नीचे रखे करीब पांच क्विंटल धान खा गए। बाद में ग्रामीणों की ओर से टॉर्च की मदद से भगाने के बाद हाथियों का झुंड जंगलों की ओर भाग निकला। सूचना मिलने के बाद भंडरिया वन क्षेत्र पदाधिकारी गोपाल चंद्रा सहित वनकर्मियों ने पीड़ित किसानों के घर पहुंचकर किसानों के क्षतिपूर्ति का आकलन किया। वहीं मामले की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि जांच प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है। भूखे दो हाथियों के झुंड ने मिट्टी के घरों को नुकसान पहुंचाया है। बहुत जल्द ही पीड़ित किसानों को मुआवजा की राशि उपलब्ध करा दी जायेगी। उधर रंका प्रखंड के विश्रामपुर, कटरा, बहाहारा गांव में भी हाथियों के आतंक से ग्रामीण दहशत में हैं।

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