स्कूल बस संचालन में निजी विद्यालय प्रबंधन को जरूरी मानकों का पालन करने का निर्देश
फोटो प्रताप तीन: मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट कमिटी ऑन रोड सेफ्टी को लेकर बैठक करते डीसी शेखर जमुआर
गढ़वा, प्रतिनिधि। उपायुक्त शेखर जमुआर की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट कमिटी ऑन रोड सेफ्टी के तहत जिला अंतर्गत सभी सीबीएसई, आईसीएससी वह अन्य बोर्डों से मान्यता प्राप्त विद्यालयों के विद्यालय प्रबंधकों के साथ बैठक हुई। बैठक में स्कूल बस अन्य स्कूली वाहनों में सड़क सुरक्षा के मानकों के अनुपालन को लेकर जानकारी ली गई। बैठक में राज्य में सड़क दुर्घटनाओं और होने वाली मौतों पर चर्चा की गई। चर्चा के क्रम में ही यह बात सामने आई कि निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा स्कूल बसों के लिए निर्धारित मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है। उस दौरान स्कूल प्रबंधन से स्कूल बस संचालन में सभी जरूरी मानकों का पालन करने का निर्देश दिया गया।
स्कूल बसों/वाहनों में निश्चित सीट से अधिक बच्चों का आवागमन कराने और विद्यालय प्रबंधन द्वारा शहरों के यातायात की स्थिति समझे बिना स्कूल बस ड्राइवर को आने जाने के लिए अपेक्षाकृत कम समय दिए जाने के चलते सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं।
बैठक में यह चर्चा की गई कि सर्वोच्च न्यायालय की रोड सेफ्टी पर गठित समिति की अनुशंसा के आलोक में रोड सेफ्टी को बढ़ावा देने में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के विद्यालय व सीबीएसई, आईसीएसई के अलावा अन्य बोर्डों से मान्यता प्राप्त विद्यालयों में विद्यार्थियों की सुरक्षा और विद्यालय बसों में सुरक्षा मानकों के अनुरूप संचालन, बस की ओवरलोडिंग और कम उम्र के विद्यार्थियों द्वारा बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर रोक लगाने के संबंध में चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि उसे लेकर व्यापक जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित कराने को लेकर उपस्थित सभी विद्यालय प्रबंधकों को निर्देशित किया गया। बैठक के दौरान कहा गया कि सड़क दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मौतों की स्थिति को कम करने के लिए विद्यालयों द्वारा सुरक्षा के मानकों का सख्ती से अनुपालन किया जाना आवश्यक है।
वाहन चालकों के डिटेल्स और ड्राइविंग लाइसेंस की जानकारी रखी जाए: एसपी
मौके पर पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार पांडेय ने कहा कि सभी स्कूलों को एक फॉर्मेट भेजा जाए। उसमें सभी वाहन चालकों के डिटेल्स, ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित जानकारी रखी जाए। सभी मानकों पर खरा उतरने वाले वाहनों का ही प्रयोग विद्यार्थियों के परिचालन के लिए कराए जाएं। स्कूली बच्चों के आवागमन के लिए ऐसी कोई भी वाहन जो ओपन बॉडी वाले हो को प्रतिबंधित किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो पुलिस प्रशासन द्वारा ऐसे वाहनों को ज़ब्त कर लिया जाएगा। बैठक में सभी स्कूल प्रबंधकों को रोड सेफ्टी से संबंधित सभी आवश्यक मानकों की जानकारी दी गई। बैठक के दौरान कहा गया कि उपरोक्त कार्यों में विद्यालय प्रबंधन सक्रिय भूमिका निभाती है। विद्यालयों द्वारा सहयोग भी किया जाता है। निर्देशों का अनुपालन किया जाता रहा है। विशेष तौर पर वर्तमान में आवश्यकता है कि विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाए। साथ ही उसके लिए हर महीने शिक्षक अभिभावक मीटिंग बुलाया जाए।
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