ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंड गढ़वाआर्थिक मजबूती के लिए जनसंख्या नियंत्रण जरूरी: विकास

आर्थिक मजबूती के लिए जनसंख्या नियंत्रण जरूरी: विकास

जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से शनिवार को परिवार नियोजन पखवाड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सदर अस्पताल परिसर में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ एनके रजक, एसीएमओ डॉ जेपी सिंह, सदर अस्पताल...

आर्थिक मजबूती के लिए जनसंख्या नियंत्रण जरूरी: विकास
हिन्दुस्तान टीम,गढ़वाSat, 11 Jul 2020 11:10 PM
ऐप पर पढ़ें

जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से शनिवार को परिवार नियोजन पखवाड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सदर अस्पताल परिसर में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ एनके रजक, एसीएमओ डॉ जेपी सिंह, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ रागिनी अग्रवाल ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया। मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष विकास कुमार ने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाकर ही जन संख्या नियंत्रण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज जनसंख्या बढ़ने के कारण ही एक परिवार पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। सिविल सर्जन ने परिवार नियोजन कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज समाज में एक भ्रांति फैला हुआ है कि महिला बंध्याकरण सिर्फ ठंड में ही कराना चाहिए। पर यह पुरी तरह से गलत है। बंध्याकरण किसी भी मौसम में कराया जा सकता है और वह पुरी तरह से सुरक्षित रहेगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला से लेकर प्रखंड तक प्रयाप्त मात्रा में परिवार नियोजन की सुविधा है। लाभुक जिसे चाहे उसे इस्तेमालल कर सकते है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में प्रसव कराने आने वाली महिला को परिवार नियोजन की विधि बताने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि यह परिवार नियोजन पखवाडा 10 अगस्त तक चलेगा। उस दौरान एनएसवी से 95, टुबेकटोमी से 835, आईयूसीडी से 2407, पीपीआईयूसीडी से 2407, डीसीपी से 115627, कोंडोम से 852860, अंतरा से 11859, छाया से 4744 और निश्चय कीट से चार हजार परिवार नियोजन का लक्ष्य रखा गया है। एसीएमओ डॉ जेपी सिंह ने कहा कि आजादी के समय देश की जनसंख्या 36 करोड था। पर आज जनसंख्या बढ़कर अरबो में पहुंच गया है। ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण बहुत जरूरी है। उसके लिए सिर्फ बंध्याकरण ही माध्यम नहीं है। अन्य विधि को भी अपनाकर परिवार नियोजन कराया जा सकता है। मौके पर डीपीएम प्रवीण सिंह, मलेरिया सलाहकार अरविन्द द्विवेदी सहित सहिया उपस्थित थे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें