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स्कूलों तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं, मुश्किल में नौनिहाल

जिलेभर में विभिन्न कोटि के कई ऐसे विद्यालय हैं जहां तक पहुंचने के लिए सड़क तक नहीं है। उक्त कारण बच्चों के साथ शिक्षकों को भी स्कूल तक पहुंचने में परेशानी होती...

स्कूलों तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं, मुश्किल में नौनिहाल
हिन्दुस्तान टीम,गढ़वाThu, 23 Jan 2020 02:12 AM
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जिलेभर में विभिन्न कोटि के कई ऐसे विद्यालय हैं जहां तक पहुंचने के लिए सड़क तक नहीं है। उक्त कारण बच्चों के साथ शिक्षकों को भी स्कूल तक पहुंचने में परेशानी होती है। सर्वाधिक परेशानी बरसात के दिनों में छात्रों-शिक्षकों को होती है। जिलांतर्गत रंका प्रखंड के उत्क्रमित जमा दो उर्दू हाईस्कूल बांदू-चुतरू में क्लास नौ से 12 तक कुल 253 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। प्रधानाध्यापक परवेज आलम खान बताते हैं कि स्कूल तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है। उक्त कारण अधिक परेशानी बरसात के दिनों में छात्र और शिक्षकों को अधिक होती है। स्वभाविक तौर पर उसका असर उन दिनों स्कूल के पठन-पाठन पर पड़ता है। वहीं प्रखंड के नव प्राथमिक विद्यालय कर्री की स्थिति तो और भी बदतर है। यहां खेतों के मेड़ से होकर ही स्कूल तक बच्चे पहुंचते हैं। सड़क नहीं होने के कारण 2012-13 से बन रहा स्कूल भवन भी अबतक अधूरा पड़ा है। उसी तरह जिलांतर्गत डंडई प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय बैरियादामर के लिए भी सड़क की सुविधा नहीं है। उक्त स्कूल वर्ष 2004 में 20 लाख रुए की लागत से बनाई गई थी। उक्त स्कूल में 207 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। वहां जाने के लिए स्कूल से दो किलोमीटर पहले ही अपना वाहन छोड़ना पड़ता है। वहां से पैदल ही स्कूल तक जाना होता है। बारिश के दिनों में मेड़ पर पैदल चलना भी मुश्किल होता है। उक्त कारण बच्चे बरसात के दिनों में स्कूल नियमित नहीं पहुंचते। वहीं स्कूल के शिक्षक अपने हाथ में जूता या चप्पल ढोकर स्कूल तक किसी तरह पहुंचते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि प्रशासनिक लापरवाही की वजह से स्कूल तक अबतक सड़क नहीं बन सकी है। ::बॉक्स::स्कूल तक सड़क नहीं है यह गंभीर मामला है। प्राथमिकता के आधार पर स्कूल तक सड़क का निर्माण कराया जाएगा। हर्ष मंगला, डीसी।

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