अबतक लक्ष्य का 82 प्रतिशत हुई धानरोपनी, किसानों को राहत
ओपी एक: गढ़वा प्रखंड के करूआकला में धान की रोपनी करती महिलाएं लगातार सुखाड़ की मार झेल रहे किसानों को बारिश के कारण राहत मिली है। 30 जुलाई तक जिले में
गढ़वा, प्रतिनिधि। लगातार सुखाड़ की मार झेल रहे किसानों को बारिश के कारण राहत मिली है। 30 जुलाई तक जिले में लक्ष्य का 1.36 प्रतिशत हिस्से में ही धान की रोपनी हुई थी। बारिश नहीं होने के कारण बिचड़ा खेतों में सूखने लगे थे। 31 जुलाई को हुई झमाझम बारिश से किसानों की उम्मीद बढ़ी। उसके बाद से लगातार बारिश के कारण धान की रोपाई में तेजी आई। 31 जुलाई तक जहां 2.04 प्रतिशत हिस्से में धान की रोपनी हुई थी वह तीन अगस्त तक बढ़कर 15.42 प्रतिशत तक पहुंच गया था। वहीं छह अगस्त तक जिले में 36.13 प्रतिशत हिस्से में धान की रोपनी हो चुकी थी। वहीं 10 अगस्त तक 70.30 प्रतिशत हिस्से में धान की रोपनी हो गई थी। सोमवार तक यह आंकड़ा 81.88 प्रतिशत तक पहुंच गया। वहीं वर्ष 2022 में जहां मात्र 9% और 2023 में 35% के आसपास ही धान की रोपाई जिले में हो पाई थी।
विभागीय आंकड़ों के अनुसार 55 हजार हेक्टर धान का आच्छादन लक्ष्य है। उसके विरूद्ध सोमवार तक 45 हजार 32 हेक्टेयर में धान का आच्छादन हुआ है। बारिश नहीं होने से धान के अलावा अन्य फसलों के आच्छादन पर भी असर पड़ रहा था। कृषि विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार मक्का के आच्छादन का लक्ष्य 27 हजार 200 हेक्टेयर का है। उसके विरूद्ध महज 24 हजार 571 हेक्टेयर(90.33 प्रतिशत) आच्छादन हुआ है। दलहन में अरहर का आच्छादन लक्ष्य 29 हजार हेक्टेयर के विरूद्ध 24 हजार 670 हेक्टेयर में हो चुका है। जिलांतर्गत उरद के आच्छादन का लक्ष्य 10 हजार हेक्टेयर है। उसके विरूद्ध महज 2350 हेक्टेयर में ही आच्छादन हो सका है। वहीं मूंगफली का आच्छादन 81.43 प्रतिशत हुआ है। जिले में मूंगफली का आच्छादन का लक्ष्य 2800 हेक्टेयर का है। उसके विरूद्ध 2280 हेक्टेयर में आच्छादन हुआ है। जिलांतर्गत औसत बारिश अगस्त महीने अबतक 386.6 मिमी हुआ है। वहीं जून महीने में सिर्फ 46.6 मिमी ही बारिश हुई। वर्ष 2023 में जून में 44.2 मिमी और जुलाई में औसत बारिश 141.7 मिमी हुई थी। इस वर्ष जुलाई महीने में उसके विरूद्ध 188.2 मिमी बारिश हुई।
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