जलस्तर घटने से किसानों को राहत, फसल सड़ने का था डर
बारिश नहीं होने से रविवार को प्रखंड की दो प्रमुख नदियां कोयल और पंडी का जलस्तर घटने लगा। शनिवार को उक्त दोनों नदियां उफान पर...
कांडी, प्रतिनिधि। बारिश नहीं होने से रविवार को प्रखंड की दो प्रमुख नदियां कोयल और पंडी का जलस्तर घटने लगा। शनिवार को उक्त दोनों नदियां उफान पर थीं। खेतों में खड़ी फसलें बाढ़ के पानी में डूब गया था। उक्त कारण किसानों को फसल के सड़ने का डर सताने लगा था। जलस्तर घटने से किसानों को राहत मिली है।
जयनगरा सहित अन्य गांवों के खेतों में बाढ़ का पानी भर गया था। स्थानीय किसान दिलीप मेहता, संजय मेहता, रंजन मेहता ने बताया कि फसलों में से बाढ़ का पानी तो जरूर निकल गया है लेकिन बाढ़ का पानी की तेज धारा ने हल्दी के फसलों को नुकसान पहुंचाया है। बाढ़ के पानी से 25 प्रतिशत फसलों का नुकसान हुआ है। वहीं खरौंधा पंचायत के उप मुखिया रवि रंजन मेहता ने बताया कि जयनगरा से सुंडीपुर तक कोयल नदी में तटबंध नहीं होने के कारण जब भी कोयल नदी में बाढ़ आती है कोयल किनारे बसे गांव जयनगरा, भुड़वा, खरौंधा, गाड़ा, कसनप व सुंडीपुर के खेतों में बाढ़ का पानी भर जाता है। उससे खेतों में लगी फसलों को नुकसान होता है। उक्त क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किसान खेती करते हैं। खेती से ही उनका जीविकोपार्जन होता है। तीन दिन पहले तक बारिश नहीं होने से किसान सुखाड़ को लेकर चिंतित थे। पर जब जमकर बारिश हुई तो नदियों में बाढ़ आ गया। बाढ़ के पानी से फसल डूब गए। उससे किसान फसलों के सड़ने का डर से चिंतित थे। उक्त गांव के ग्रामीण दशकों से कोयल नदी में तटबंध की मांग करते रहे हैं उसके बाद भी सरकारें उनकी मांगों पर अमल नहीं कर सकी। उसका खमियाजा जब जब बाढ़ आती है स्थानीय किसानों को उठाना पड़ता है।
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