कच्चे घर में प्लास्टिक छा रह रहा परिवार, पर नहीं मिला अबुआ आवास
अबुआ आवास योजना अभी भी जरूरमंदों से दूर है। कच्चे मकान में प्लास्टिक छाकर रह रहा बुधन चौधरी और देवा चौधरी का परिवार इसका उदाहरण...
डंडई, प्रतिनिधि। अबुआ आवास योजना अभी भी जरूरमंदों से दूर है। कच्चे मकान में प्लास्टिक छाकर रह रहा बुधन चौधरी और देवा चौधरी का परिवार इसका उदाहरण है। अबुआ आवास के प्रत्याशा सूची में नाम होने के बाद भी उसे योजना का लाभ नहीं मिला है। आवंटित लक्ष्य के अंदर क्रमांक नहीं होने के कारण उसे अबतक आवास योजना का लाभ नहीं दिया गया है।
जरही निवासी बुधन ने बताया कि उसके घर की स्थिति जर्जर है। इस बारिश में भी वह प्लास्टिक छाकर अपने परिवार के साथ उसी घर में रह रहा है। पंचायत के मुखिया महेंद्र चौधरी ने बताया कि बुधन चौधरी गांव घर में सबसे बेबस और लाचार व्यक्ति है। उसकी तीन बेटियां और एक पुत्र है। पति-पत्नी सहित परिवार के छह सदस्य जर्जर मिट्टी के घर में रह रहा है। उसके बाद भी अबतक उसे आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि अबुआ आवास के प्रत्याशा सूची में उसका नाम 446 पर है। वहीं पंचायत के लिए अबुआ आवास का आवंटित लक्ष्य 390 ही है। उसी तरह गांव के देवा चौधरी का भी घर ध्वस्त हो चुका है। वह भी जर्जर कच्चे मकान में रह रहा है। उसे भी अबतक किसी आवास योजना का लाभ नहीं मिला। प्रत्याशा सूची में उसका नाम 374 पर अंकित है। वह ओबीसी वर्ग में आता है। ओबीसी के लिए मात्र 150 आवास ही है। उक्त कारण वह भी योजना के लाभ से अबतक वंचित है। मुखिया ने बताया कि कई अन्य ऐसे परिवार भी हैं जिनका घर जर्जर है। लक्ष्य कम होने के कारण उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। मुखिया ने कहा कि वरीय पदाधिकारियों को भी उक्त संबंध में जानकारी दी गई है। सभी सरकार की नियमावली का हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
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