Elephant Attacks Continue in Garhwa 11 Deaths Reported in 2024 दक्षिणी वन प्रमंडल क्षेत्र में हाथियों का है आतंक, हमले में दो दर्जन लोगों की मौत, Garhwa Hindi News - Hindustan
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दक्षिणी वन प्रमंडल क्षेत्र में हाथियों का है आतंक, हमले में दो दर्जन लोगों की मौत

रविवार सुबह घटना स्थल पर पहुंचे वनकर्मी व ग्रामीण हाथियों ने भंडरिया में एक और बुजुर्ग महिला को मार डाला। घटना शनिवार रात की है। उससे पहले भी हाथियों

Newswrap हिन्दुस्तान, गढ़वाSun, 29 Dec 2024 11:50 PM
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दक्षिणी वन प्रमंडल क्षेत्र में हाथियों का है आतंक, हमले में दो दर्जन लोगों की मौत

गढ़वा, संवाददाता। हाथियों ने भंडरिया में एक और बुजुर्ग महिला को मार डाला। घटना शनिवार रात की है। उससे पहले भी हाथियों ने हमला कर थानांतर्गत अलग-अलग गांवों में जानमाल को नुकसान पहुंचा चुके हैं। दक्षिण वन प्रमंडल अंतर्गत आने वाले थाना क्षेत्र के गांवों में हाथियों का आतंक बरकरार है। ग्रामीण इलाकों के लोगों में दहशत का माहौल है। मालूम हो कि पहले भी 12 अक्टूबर की रात भंडरिया थाना के जोन्हीखांड़ में भी हाथियों ने हमला कर 28 वर्षीय युवक रामदेव सिंह को पटक कर मार डाला था। उक्त घटना में दो युवक भागकर किसी तरह जान बचायी थी। भंडरिया थाना क्षेत्र के दुमुहवां जंगल में हाथी ने 29 सिंतबर को 50 वर्षीया महिला स्वाति तिर्की को कुचलकर मार डाला था। उक्त घटना में एक अन्य महिला घायल हो गई थी। उसके अलावा भी थाना क्षेत्र में घटनाएं हुई हैं। जिलांतर्गत वनक्षेत्र दो हिस्सों दक्षिणी और उत्तरी वन प्रमंडल हिस्से में बंटा है। 20 प्रखंडों वाले जिले में महज तीन प्रखंड गढ़वा, नगर ऊंटारी और भवनाथपुर उत्तरी वन प्रमंडल क्षेत्र में है। वहीं बाकी 17 प्रखंड दक्षिणी वन प्रमंडल के हिस्से में है। हाथियों का आतंक दक्षिणी वन प्रमंडल के हिस्से में ही रहा है। हाथियों ने दक्षिणी वन प्रमंडल क्षेत्र में न सिर्फ फसलों और घरों को क्षति पहुंचाया है बल्कि जानमाल को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। चालू वित्तीय वर्ष में अबतक 11 लोगों की मौत हाथियों के हमले में हो चुकी है। हाथियों के आतंक के कारण ग्रामीण त्राहिमाम कर रहे हैं। धनकटनी के दौरान हाथियों के हमले बढ़ गए हैं। ताजा घटनाक्रम में जिलांतर्गत चिनिया थाना क्षेत्र के चपकली गांव में 20 दिसंबर की रात हाथी के हमले में 60 वर्षीय गोपाल यादव की मौत हो गई थी। वहीं उनकी पोती छह वर्षीय छोटी कुमारी घायल हो गई। यह मामला काफी तूल पकड़ा। गांवों में हाथियों के लगातार हो रहे हमले से नाराजा ग्रामीणों का घटनास्थल पर पहुंचे वनकर्मियों के साथ हिंसक झड़प हुई। उसमें पांच वनकर्मी घायल हो गये थे। उसके अलावा कुछ पुलिस कर्मी भी घायल हुए थे। मामले में रेंजर गोपाल चंद्रा ने 12 नामजद और 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया। पुलिस मामले में कार्रवाई कर रही है। चिनिया प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक गांव में हाथियों का आतंक रहा है। घरों को क्षतिग्रस्त करने के अलावा घर के अंदर रखे अनाज हाथी चट कर जा रहे हैं। घर क्षतिग्रस्त करने से कई परिवार बेघर हो गए। वहीं खाने के लिए दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं। गांव के लोग हाथियों को रिहायशी इलाकों से खदेड़ने की मांग वन विभाग से भी करते रहे हैं पर समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सका। वन विभाग की टीम ग्रामीणों की मांग पर पश्चिम बंगाल से हाथी को भगाने के लिए टीम को मंगवाती रही है पर आंशिक सफलता ही मिल रही। उसके अलावा हाथियों ने चिनिया थाना के बिलैतीखैर गांव में भी पिछले 27 जुलाई को 60 वर्षीया फूलकुमारी को कुचलकर मार डाला था। जिलांतर्गत भंडरिया, धुरकी और रमकंडा प्रखंड में भी हाथियों का आतंक रहा है।

::बॉक्स::आमतौर पर धान कटने के बाद किसान धान को घर या खलिहान में रखते हैं। खलिहान या घरों में रखे धान के सुगंध से हाथी आकर्षित होते हैं। उक्त कारण से ही हाथी के हमले बढ़ जाते हैं। घरों में रखे धान को खाने के प्रयास में उसे क्षतिग्रस्त कर देते हैं। वर्ष 2024 में अबतक हाथी के हमले में दक्षिणी वन प्रमंडल क्षेत्र में 11 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। एबिन बेनी अब्राहम, डीएफओ, साउथ।

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